खाद्य पदार्थों में चावल का एक अहम स्थान है. पोषणयुक्त होने के चलते इतिहास में भी इसकी खास जगह है. ज्यादातर लोगों को चावल की कुछ ही किस्मों के बारे में पता होता हैं. हालांकि, चावल की तकरीबन 40,000 से ज्यादा किस्मों की खेती होती है. चावल, अन्य अनाजों की तरह, एक घास के पौधे का खाने योग्य स्टार्चयुक्त दाना है. वास्तव में, चावल की अधिकांश किस्में (हालाँकि सभी नहीं) केवल एक ही प्रजाति से संबंधित हैं - ओरिज़ा सैटिवा.
करी में उपयोग किए जाने वाले सुगंधित थाई ‘‘जैस्मिन’’ चावल से लेकर भारत के ‘‘बासमती’’ चावल और मलाईदार इतालवी रिसोट्टो बनाने के लिए चिपचिपा ‘‘आर्बरियो’’ तक, प्रत्येक किस्म में इसके अनाज की लंबाई, आकार और रंग से भिन्नता होती है. प्रत्येक किस्म का अपना स्वाद होता है. सबकी बनावट और पोषक गुण अलग होते हैं. कुछ किस्मों में एंथोसायनिन की मात्रा अधिक होती है. यह एक ऐसा एंटीऑक्सिडेंट होता है, जो शरीर की कोशिकाओं को क्षति से बचाता है. चावल की इन किस्मों को उनके रंग से जाना जाता है - उदाहरण के लिए, लाल या काला चावल.
ब्राउन चावल के बारे में जानें
सफेद चावल की तुलना में, भूरा चावल एक साबुत अनाज है, जिसमें केवल अखाद्य बाहरी छिलका हटा दिया जाता है. भारत, पाकिस्तान और थाईलैंड में इसकी बड़े स्तर पर खेती होती है. सफेद चावल बनाने के लिए अनाज का चोकर (बाहरी आवरण) हटा दिया जाता है. भूरे चावल में चोकर और मगज़ (अनाज का मूल) बरकरार रहते हैं. यही वजह है कि इस चावल को इसका भूरा रंग और उच्च फाइबर सामग्री मिलती है. साथ ही सफेद चावल की तुलना में इसमें पोषक तत्व भी अधिक होते हैं. इसमें फाइबर की मात्रा दोगुनी होती है. साथ ही मैग्नीशियम, आयरन बी समूह विटामिन की मात्रा भी अच्छी-खासी होती है. ब्राउन राइस में पॉलीफेनोल्स और फ्लेवोनोइड्स भी होते हैं, यह ऐसे एंटीऑक्सिडेंट हैं, जो शरीर को तनाव से बचाते हैं. इसे अक्सर लंबे अनाज के विकल्प के रूप में बेचा जाता है और इसमें काले और लाल चावल की किस्मों के समान पौष्टिक स्वाद होता है.
फैंसी काला चावल क्या है?
यह बैंगनी चावल भी कहलाता है. इस चावल में थोसायनिन की मात्रा अधिक होती है. इसमें वही एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो ब्लूबेरी और ब्लैकबेरी जैसे ‘‘सुपरफूड’’ को बैंगनी रंग देते हैं. काले चावलों में जपोनिका काले चावल, चीनी काले चावल, थाई काले चावल से लेकर इंडोनेशियाई काले चावल तक अलग-अलग रंग होते है. कईयों का मानना है कि काला चावल हृदय स्वास्थ्य और चयापचय रोगों के खिलाफ प्रभावी है. भूरे चावल के समान काले चावल में भी चोकर और मगज़ बरकरार रहते हैं, जिससे यह उच्च फाइबर वाला भोजन बन जाता है. हालांकि, कई खाद्य प्रेमियों ने काले चावल को हल्का पौष्टिक और यहां तक कि थोड़ा मीठा स्वाद वाला बताया है.
आयरन से भरपूर लाल चावल:
एंथोसायनिन तत्वों के चलते ये चावल लाल रंग विशेष रूप से कैटेचिन और एपिकैटेचिन) हो जाता है. इसे चावल की अन्य किस्मों के साथ उगने वाला एक खरपतवार माना जाता है. एशिया के साथ-साथ उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में लाल चावल बड़े पैमाने पर उगाई जाती है. इसमें सफेद, लाल या भूरे रंग की किस्मों की तुलना में अधिक आयरन और जिंक होता है.
क्या राइसबेरी भी एक प्रकार का चावल है?
राइसबेरी चावल मूल रूप से थाईलैंड में स्थानीय जैस्मिन चावल और स्थानीय बैंगनी चावल की किस्म के मिश्रण के रूप में विकसित किया गया था, जिससे हल्का, बैंगनी रंग का अनाज बनता है. ऑस्ट्रेलिया भर में एशियाई किराने की दुकानों में उपलब्ध होने वाले इस प्रकार के चावल में भूरे चावल की तुलना में अधिक अनुकूल पोषक तत्व होते हैं. साथ ही सफेद जैस्मिन चावल के समान खाना पकाने का समय भी कम होता है. इस किस्म मेंफोलिक एसिड, मैग्नीशियम, आयरन और जिंक सहित 15 से अधिक आवश्यक विटामिन और खनिज होते हैं और यह प्राकृतिक रूप से ग्लूटेन मुक्त होता है.जो इसे सीलिएक रोग से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद माना जाता है.
स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं रंगीन चावल
चावल की विभिन्न किस्मों में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स या जीआई होता है. यह उस गति का माप है जिस पर कार्बोहाइड्रेट रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाते हैं. चावल की किस्म जितनी अधिक रंगीन होगी, उसका जीआई उतना ही कम होगा. इन किस्मों का सेवन मधुमेह पीड़ितों के लिए फायदेमंद है.