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बांस की खेती से कई साल मुनाफा कमा सकते हैं किसान, सरकार देती है 50 फीसदी तक सब्सिडी

बांस की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है. इसे एक बार लगाने में मेहनत लगती है और फिर आराम में मुनाफा मिलता रहता है. सबसे अच्छी बात यह है कि बांस को किसी भी तरह की जमीन में उगाया जा सकता है. वहीं, बांस की खेती पर सरकार की ओर से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दी जाती है.

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Bamboo cultivation
Bamboo cultivation

देश की बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर रहती है. ऐसे में किसान परंपरागत खेती से इतर अन्य फसलें उगाकर इच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इन्हीं में से एक है बांस की खेती. जिसे ग्रीन गोल्ड यानी हरा सोना भी कहा जाता है. बाजार में इसकी डिमांड भी खूब रहती है. वहीं, सरकार द्वारा इसपर सब्सिडी भी दी जाती है. आइए जानते हैं कैसे की जाती है बांस की खेती?

बांस को लगाना काफी आसान है. सबसे पहले इसके पौधे को नर्सरी से लाएं. इसके बाद इसकी रोपाई कर दें. इसमें यह ध्यान दें कि रोपाई के लिए गड्ढा 2 फीट गहरा और 2 फीट चौड़ा हो. वहीं, इसके लिए जमीन तैयार करने की जरूरत नहीं होती है. बस ध्यान रहे कि मिट्टी बहुत अधिक रेतीली न हो. रोपाई के बाद अब इसमें गोबर से तैयार खाद का इस्तेमाल करें. पौधे लगाने के बाद एक महीने तक हर रोज पानी दें. 

बंजर जमीन में भी लगा सकते हैं बांस का पौधा

बांस का पौधा बंजर जमीन में भी लगा सकते हैं. इसकी खेती में ज्यादा खर्च करने की जरूरत भी नहीं है. इसके पौधे लगाने के तीन महीने बाद पौधे की ग्रोथ होने लगती है. वही, 4 साल में यह पूरी तरह तैयार हो जाती है. भारत सरकार ने भी बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए 2006 में बांस मिशन शुरू किया था. इसकी खेती पर सरकार द्वारा 50 प्रतिशत तक सब्सिडी भी दी जाती है. सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए राष्‍ट्रीय बांस मिशन की आधिकारिक वेबसाइट nbm.nic.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

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कटाई के बाद भी दोबारा बढ़ जाता है

बाजारों में बांस की डिमांड भी खूब रहती है. इस वजह से इसकी अच्छी कीमत भी मिलती है. दरअसल, बांस को कई तरह के कामों में उपयोग किया जाता है. सजावटी वस्तुओं से लेकर कार्बनिक कपड़े बनाने तक के लिए बांस का इस्तेमाल किया जाता है. इसकी खेती करने की सबसे अच्छी बात यह है कि कटाई के बाद भी यह दोबारा बढ़ जाता है.
 

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