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Bucha Massacre: 31 मार्च को रूसी सेना से बूचा को मिली आजादी, 4 अप्रैल को ही कैसे मिली लाशें? रूस का सवाल

Bucha Massacre: 31 मार्च को रूसी सेना से बूचा को मिली आजादी, 4 अप्रैल को ही कैसे मिली लाशें? रूस का सवाल

रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ इनफॉर्मेशन वॉर यानी सूचना युद्ध भी चल रहा है जिसमें यूक्रेन रूस के मुकाबले बहुत आगे है. इसी बीच रूस विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी किया. रूसी मंत्रालय ने यूक्रेन की मंशा पर सवाल उठाए और बूचा में खुद के ही सैनिकों द्वारा अपने ही लोगों को मारने का आरोप लगाया. मंत्रालय ने कहा कि रूसी सेना ने बूचा को 31 मार्च को आजाद कर दिया था. जिसके बाद बूचा के मेयर ने खुशी जाहिर की थी और इतिहास में लिखे जाने की बात की थी. एक शहर जहां इतनी लाशें है वहां का मेयर हंस कैसे सकता है. दुसरा 31 मार्च को रूसी सेना के जाने के बाद 4 अप्रेल को बूचा में लाशें कैसे बिखरी दिखीं. मंत्रालय ने कहा कि ये सब पुतिन के खिलाफ एक साजिश है.

The Russian ministry questioned Ukraine's intentions and accused its own soldiers of killing its own people in Bucha. The ministry said that the Russian army had liberated Bucha on March 31. After which the mayor of Bucha expressed happiness and talked about writing in history.

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