नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने अगले महीने प्रस्तावित भारत यात्रा को लेकर कहा है कि जब तक भारत-नेपाल सीमा पर नाकाबंदी जारी है, तब तक उनका भारत जाना उचित नहीं होगा. कयास लगाए जा रहे हैं कि ओली अब चीन की अपनी पहली विदेश यात्रा कर सकते हैं. परंपरागत रूप से नेपाल के नए प्रधानमंत्री सबसे पहले भारत की यात्रा किया करते रहे हैं.
हालात सामान्य होने तक दौरा नहीं
ओली ने दोहराया कि जब तक नेपाली तराई में हालात सामान्य नहीं हो जाते तब तक वह भारत नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा, 'मैं दोस्तों के बीच दोस्ती, दोस्तों के बीच राजनीतिक ईमानदारी और अपने आत्मविश्वास पर भरोसा करता हूं. मुझे उम्मीद है कि सीमा पर नाकाबंदी हटा ली जाएगी.'

भारत है ओली ने लगाया है आरोप
ओली का आरोप है कि भारत ने सीमा पर अनाधिकारिक रूप से नाकेबंदी की है. सरकार तराई में अलगाववादी आंदोलनों पर नजर रखे हुए है. ओली फरवरी में प्रधानमंत्री के रूप में पहली विदेश यात्रा पर भारत आने वाले थे. कुछ महीने पहले पीएम मोदी ने ओली को उचित समय पर भारत आने का न्योता दिया था.
जारी है मधेसी आंदोलन
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह नेपाल में सत्तारूढ़ गठबंधन और प्रमुख विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस ने मधेशियों की मांग को पूरा करने के लिए संविधान में दो संशोधनों को मंजूरी दी. हालांकि मधेशी मोर्चा ने सोमवार को इन संशोधनों को खारिज कर दिया और आंदोलन के नए कार्यक्रम की घोषणा की. नेपाल के तराई क्षेत्र में रहने वाले मधेशी संसद में उचित प्रतिनिधित्व और प्रांतों के पुनर्सीमांकन की मांग को लेकर करीब पांच महीने से आंदोलन कर रहे हैं.
भारत ने परमिट जरूरी किया
दक्षिणी नेपाल के तराई क्षेत्र में पिछले 5 महीने से मधेसी समुदाय के लोग संविधान में बदलाव की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. भारत ने 25 जनवरी से वीरगंज पोर्ट (भारत की ओर से रक्सौल पोर्ट) से प्रवेश करने वाली नेपाली वाहनों पर प्रवेश परमिट का नियम लागू किया है. इसके बाद नेपाल ने भी भारतीय वाहनों के प्रति यही कदम उठाया.
23 सीमा चौकियों पर लागू
भारत के रक्सौल चुंगी के अधिकारी ने कहा कि यह कदम भारत की 23 सीमा चौकियों पर लागू किया गया है. इससे पहले नेपाली वाहन बिना किसी परमिट के भारत की सीमा में प्रवेश कर सकते थे. कस्टम्स के एक अधिकारी के अनुसार सीमा पार लोगों के प्रबंध और सुरक्षा के कारण यह कदम उठाया गया है. मधेशी विपक्षी दलों व पुलिस के बीच संघर्ष जारी हैं, इसलिये वीरगंज की स्थिति स्थिर नहीं है.
नई नीति-नियम के अनुसार नेपाली वाहनों को बिना किसी शुल्क के एक दिन का अस्थाई प्रवेश परमिट दिया जाने लगा है. वे भारत की सीमा से तीन किमी के दायरे में काम कर सकते हैं, पर एक दिन से अधिक समय ठहरने के लिये उन्हें वीरगंज स्थित भारतीय कांसुलेट से अनुमति प्राप्त करनी होगी, साथ ही शुल्क भी देना होगा. भारतीय अधिकारी के अनुसार निगरानी व प्रबंध को मजबूत करने के लिये भारत सरकार ने सीमा क्षेत्र में निगरानी कैमरे भी लगाये हैं.