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Ukraine Russia war: यूक्रेन के पूर्व PM ने बताया, कहां हो सकते हैं जेलेंस्की, कहा- न्यूक्लियर हमले का भी नहीं होगा असर

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में इंफॉर्मेशन वॉरफेयर भी शुरू हो गई है. एक तरफ रूस जेलेंस्की को भगोड़ा साबित करने की कोशिश कर रहा है तो दूसरी तरफ जेलेंस्की दावा कर रहे हैं कि वे कभी यूक्रेन नहीं छोड़ेंगे.

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वोलोडिमिर जेलेंस्की (File Photo)
वोलोडिमिर जेलेंस्की (File Photo)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 10 दिन से जारी है यूक्रेन और रूस के बीच जंग
  • रूस का दावा- जेलेंस्की ने पोलैंड में शरण ली

रूस और यूक्रेन के बीच जंग का आज 10वां दिन है. एक तरफ रूस लगातार दावा कर रहा है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की देश छोड़कर पोलैंड भाग चुके हैं तो वहीं जेलेंस्की भी अपने यूक्रेन में ही होने का दावा कर रहे हैं. इन दावों के बीच अब यूक्रेन के पूर्व प्रधानमंत्री अजारोव (Azarov) ने जेलेंस्की के कीव में होने का खुलासा किया है.

पूर्व पीएम अजारोव ने जेलेंस्की के सुरक्षित होने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि जेलेंस्की यूक्रेन की राजधानी कीव में एक बेहद सुरक्षित बंकर के अंदर हैं. अजारोव ने आगे कहा कि जेलेंस्की जिस बंकर में हैं, वह इतना मजबूत है कि उस पर पर परमाणु हमले का भी असर नहीं होगा.

रूस के सरकारी मीडिया ने दावा किया था कि राष्ट्रपति जेलेंस्की यूक्रेन छोड़कर पोलैंड में शरण ले चुके हैं. इसके बाद जेलेंस्की ने वीडियो संदेश जारी किया था. वीडियो संदेश में उन्होंने यूरोपीय देशों से कहा था कि अगर यूक्रेन का समर्थन नहीं किया तो रूस से यूरोप भी सुरक्षित नहीं रह पाएगा. इस बीच यूक्रेन की पार्लियामेंट ने दावा करते हुए कहा है कि राष्ट्रपति जेलेंस्की अभी भी कीव में ही हैं. रूस के हमले के बाद से ही जेलेंस्की लगातार कहते आ रहे हैं कि वह अपना देश छोड़कर भागने वाले नहीं हैं. आखिरी दम तक कीव में डटे रहेंगे.

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जेलेंस्की को 3 बार मारने की कोशिश हुई

टाइम्स ऑफ लंदन की रिपोर्ट के मुताबिक 24 फरवरी से लेकर अब तक राष्ट्रपति जेलेंस्की को मारने की 3 नाकाम कोशिश की जा चुकी हैं. यानी जेलेंस्की पर 3 बार हमला हो चुका है. मीडिया रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि रूस का कमांडो दस्ता और चेचन आर्मी के लड़ाके जेलेंस्की की सरगर्मी से तलाश कर रहे हैं.

नो-फ्लाई जोन की घोषणा चाहते हैं जेलेंस्की

जेलेंस्की NATO और यूरोपीय देशों से लगातार यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन (No-fly zone) घोषित करने की मांग करते आए हैं. उनकी मांग के बाद भी इसका ऐलान नहीं किया जा रहा है. इस बात को लेकर जेलेंस्की यूरोपीय देशों से काफी नाराज भी चल रहे हैं. उन्होंने यूरोपीय देशों की आलोचना करते हुए कहा है कि पश्चिमी सैन्य गठबंधन ऐसा न करके अब रूसी हमलों को हरी झंडी दिखा दी है.

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