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'भारत के लिए पाकिस्तान को...', रूस के राजदूत ने दिया बड़ा बयान

नई दिल्ली में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने भारत और रूस के संबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया है. डेनिस अलीपोव ने कहा है कि भारत के लिए रूस ने पाकिस्तान के साथ अपने रक्षा संबंधों का गला घोंट दिया है.

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फोटो- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
फोटो- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

रूस पाकिस्तान की वजह से अपने अजीज दोस्त भारत से संबंध नहीं खराब करना चाहता है. नई दिल्ली में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने भारत और पाकिस्तान के साथ अपने रिश्ते को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत के लिए रूस ने पाकिस्तान के साथ अपने रक्षा संबंधों का गला घोंट दिया है. डेनिस अलीपोव ने आगे कहा है कि रूस कभी भी कुछ ऐसा नहीं करेगा, जिससे भारत को नुकसान पहुंचे. 

भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव का यह बयान रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के पाकिस्तान को लेकर दिए बयान के बाद आया है. उस बयान में सर्गेई लावरोव ने कहा था कि नियमित सैन्य गतिविधियों में रूस पाकिस्तान का समर्थन करता रहेगा. 

इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भी रूस यात्रा पर पहुंचे थे. यात्रा के पीछे बिलावल का लक्ष्य पाकिस्तान और रूस के बीच रक्षा और व्यापार संबंधों को मजबूत करना था. 

भारत के लिए जारी रहेगी तेल की सप्लाई  

नई दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अलीपोव ने रूस और भारत के बीच तेल व्यापार पर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि कच्चे तेल पर पश्चिमी देशों के प्राइस कैप के बावजूद रूस भारत को तेल सप्लाई करता रहेगा. साथ ही सभी तरह के निर्यात का स्तर बनाए रखेगा. रूस ने कहा कि वह भारत के साथ संबंधों में विविधता लाना चाहता है.

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रूसी राजदूत ने आगे कहा कि दो देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध किसी के खिलाफ नहीं बल्कि दोनों की मूल जरूरतों को पूरा करने के लिए है.

भारत और चीन के खट्टे संबंधों पर रूस का बयान
भारत और चीन के संबंधों पर भी रूसी राजदूत ने बयान दिया. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि रूस चाहता है कि भारत और चीन के बीच संबंध सामान्य हो जाएं. रूसी राजदूत ने कहा कि यह ना सिर्फ एशियाई सुरक्षा बल्कि पूरे विश्व की सुरक्षा के नजरिए से बेहतर है.

रूसी राजदूत ने आगे कहा कि वे यह बात समझते हैं कि इसमें काफी बाधाएं हैं. दोनों देशों के बीत सीमा समस्या है, जो काफी जटिल है. उन्होंने आगे कहा कि एक समय पर रूस का भी चीन के साथ सीमा विवाद था. दोनों देशों को वार्ता शुरू करने में करीब 40 साल लग गए और समाधान खोजने का यही एक तरीका भी है.

रूसी राजदूत ने आगे कहा कि वे यह सुझाव नहीं दे रहे हैं कि भारत और चीन को इस मामले में क्या करना चाहिए. यह दोनों देशों का द्विपक्षीय मामला है जिसमें रूस दखल नहीं करता है.

हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों के रिश्ते जितनी जल्दी सामान्य होंगे, पूरे विश्व के लिए उतना ही अच्छा होगा. उन्होंने कहा कि अगर कभी रूस की ओर से कोशिशों की जरूरत होगी तो इसे सुविधाजनक बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. 

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वहीं रूसी राजदूत ने अमेरिका पर भी निशाना साधा. रूसी राजदूत ने कहा कि अगर अमेरिका के संबंध चीन से सुधर गए या भारत के चीन से संबंध बेहतर हुए तो अमेरिका का रवैया भारत के प्रति बदल सकता है. रूसी राजदूत ने कहा कि उनके अनुसार भारत और चीन के रिश्ते सुधरने से बड़े पैमाने पर विश्व के लिए अनुकूल परिणाम होंगे, लेकिन अमेरिका के लिए यह आपदा जैसा हो होगा.

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