अमेरिका के टैरिफ के जवाब में भारत उसे दी गई व्यापार रियायतों को निलंबित करके बादाम, अखरोट, धातुओं जैसे कई अमेरिकी आयातों पर भारी टैरिफ लगाने पर विचार कर रहा है. यह खबर ऐसे वक्त में आई है जब अमेरिका ने स्टील और एल्यूमिनियम पर भारी टैरिफ को लेकर विश्व व्यापार संगठन (WTO) में भारत की शिकायत को खारिज कर दिया है. अमेरिका ने स्टील और एल्यूमिनियम पर 25% का टैरिफ लगाया है जिससे भारत के लिए इन धातुओं को अमेरिका में बेचना बेहद मुश्किल हो गया है.
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए भारत के संभावित जवाबी कार्रवाई की जानकारी दी है.
भारत अमेरिकी बादाम और अखरोट के सबसे बड़े बाजारों में से एक है और अगर भारत ने इन ड्राई फ्रूट्स पर अधिक टैरिफ लगाया तो अमेरिका को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
भारत ने 9 मई को WTO को आधिकारिक रूप से सूचित किया था कि 12 मार्च से लागू हुए अमेरिका के स्टील और एल्यूमिनियम पर 25% टैरिफ के जवाब में वो अमेरिका को दी गई व्यापार रियायतें वापस ले लेगा. WTO को दी गई नोटिस के मुताबिक, भारत नोटिस देने के 30 दिनों के बाद 8 जून से जवाबी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है.
लेकिन 22 मई को अमेरिका ने नोटिस के जवाब में WTO में भारत के मामले को खारिज कर दिया. अमेरिका ने तर्क दिया कि टैरिफ WTO के नियमों के तहत 'सुरक्षा उपाय' नहीं थे, और इसलिए भारत के पास व्यापार रियायतों को निलंबित करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है.
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने WTO में कहा, 'WTO के अनुच्छेद 8.2 के तहत रियायतों को निलंबित करने के भारत के प्रस्ताव का कोई आधार नहीं है.'
अमेरिका ने यह भी साफ कर दिया कि वो विश्व व्यापार संगठन के सुरक्षा ढांचे के तहत स्टील और एल्यूमिनियम पर किसी भी तरह की वार्ता में शामिल नहीं होगा. उसका कहना था कि उसके टैरिफ देश की व्यापार विस्तार अधिनियम (Trade Expansion Act) की धारा 232 के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रावधानों के तहत आते हैं.
रिपोर्ट में कहा गया कि जब तक कि अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत भारत के धातु उत्पादों को तरजीह नहीं देता, भारत चुनिंदा अमेरिकी आयातों पर जवाबी टैरिफ लगाकर प्रतिक्रिया दे सकता है. व्यापार समझौते को लेकर दोनों देशों में बातचीत चल रही है. माना जा रहा है कि इस हफ्ते अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए भारत आ सकता है.
स्टील और एल्यूमिनियम पर और अधिक टैरिफ बढ़ाने की फिराक में ट्रंप प्रशासन
भारत अमेरिका के स्टील और एल्यूमिनियम पर टैरिफ से इसलिए भी परेशान है क्योंकि 30 मई को ही ट्रंप प्रशासन ने घोषणा की थी कि घरेलू उद्योगों को बचाने के लिए 4 जून से स्टील और एल्यूमिनियम पर टैरिफ दोगुना होकर 50% हो जाएगा.
अगर ऐसा होता है तो अमेरिका को स्टील और एल्यूमिनियम बेचने वाले देशों, जिसमें भारत भी शामिल है, के दोनों उत्पाद अमेरिका में पहले की तुलना में 50% महंगे हो जाएंगे जिससे इनकी खरीददारी में कमी आएगी.
यह पहली बार नहीं है जब भारत और अमेरिका में धातुओं पर लगे टैरिफ को लेकर विवाद हुआ हो. 2018 में ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भी इसी तरह का विवाद हुआ था, जब भारत ने 28 अमेरिकी उत्पादों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया था और WTO में अमेरिका के खिलाफ शिकायत की थी.
उस मुद्दे को जून 2023 में तत्कालीन बाइडेन प्रशासन के दौरान एक पारस्परिक रूप से सहमत समाधान (MAS) के जरिए सुलझाया गया था. MAS के तहत अमेरिका ने भारत के धातु उत्पादों को सीमित बाजार पहुंच की इजाजत दी थी जिसके बदले में भारत ने अपने जवाबी टैरिफ वापस ले लिए थे.