गुजरात के सुरेशभाई पटेल (57) अभी दो हफ्ते पहले ही अपने बेटे चिराग के पास अमेरिका गए. एक स्वस्थ सुबह की शुरुआत वह रोज सड़क किनारे टहलने से करते हैं. लेकिन बीते दिनों इसी दौरान अमेरिकी पुलिस ने उन्हें जमीन पर लिटा कर बुरी तरह पीट दिया. सुरेशभाई अस्पताल में भर्ती हैं और उन्हें लकवा मार गया है, जबकि अलबामा पुलिस का कहना है कि अंग्रेजी नहीं बोल पाने के कारण वह सुरेशभाई की बात समझ नहीं पाए.
दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क की पुलिस यकीनन सबसे ताकतवर है, लेकिन इस मामले में अलबामा पुलिस ने जिस संवेदनहीनता और बचकाने कारण का उल्लेख किया है वह वर्दी के लिए घृणा का भाव ही पैदा कर सकती है. हालांकि मामले में दोषी अफसर को सस्पेंड कर दिया गया है और जांच के नाम पर खानापूर्ति की कवायद भी शुरू हो गई है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने ट्विटर पर इस बाबत लिखा है कि दूतावास मामले में सभी जरूरी सहायता दे रहा है, वहीं मेडिसन में पुलिस और प्रमुखों से भी लगातार बातचीत की जा रही है.
. @kmpandey Consulate General in Atlanta in touch with Madison police chief & providing all necessary consular assistance.
— Syed Akbaruddin (@MEAIndia) February 12, 2015
पुलिस का बयान
घटना की खबर मीडिया में आने और इस ओर निंदा होने के बाद अलबामा पुलिस अपने बयान में कहा कि यह सब भाषा समझ नहीं आने के कारण हुआ है. चिराग का कहना है कि उनके पिता को गुजराती और थोड़ी बहुत हिंदी आती है, लेकिन वह अंग्रेजी बिल्कुल नहीं बोल पाते. चिराग के वकील का कहना है कि मामले में सुरेशभाई की कोई गलती नहीं थी, सिवाए इसके कि वह अश्वेत थे.
पुलिस ने बताया कि चिराग के किसी पड़ोसी ने उन्हें फोन पर बताया था कि कोई संदेहास्पद व्यक्ति वहां टहल रहा है. पुलिस ने मारपीट की घटना से इनकार करते हुए कहा है कि पुलिस अफसर ने सुरेशभाई को केवल जमीन पर गिराया था और इसी दौरान उन्हें चोट लगी.