भारत और पाकिस्तान के बीच अब कश्मीर को लेकर नई रणभूमि वॉशिंगटन डीसी बना हुआ है. भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दाहिने हाथ यानी उनके सीनियर सलाहकार जेसन मिलर को अपना लॉबिस्ट चुना है. वहीं, पाकिस्तान ने ट्रंप के पुराने बॉडीगार्ड कीथ शिलर को मैदान में उतारा है. कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तलवारें खींच दीं हैं. इसके बाद भारत ने ये कदम उठाते हुए ट्रंप के करीबी को लॉबिंग के लिए चुना है. अब ये लॉबिंग जंग भारत-पाक रिश्तों को कहां ले जाएगी? आइए, समझते हैं पूरा मामला.
क्या है पूरा माजरा?
पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों ने वॉशिंगटन में अपनी आवाज़ बुलंद करने के लिए ट्रंप के करीबियों पर दांव लगाया है. भारत ने जेसन मिलर की फर्म SHW Partners LLC को 1.8 मिलियन डॉलर (लगभग 15 करोड़ रुपये) की सालाना डील दी है, जिसमें हर महीने 1.25 करोड़ रुपये की फीस दी जाएगी. वहीं पाकिस्तान ने कीथ शिलर की फर्म Javelin Advisors को 50,000 डॉलर (लगभग 42 लाख रुपये) प्रति माह की डील सौंपी है.
जेसन मिलर, जो ट्रंप के 2016 और 2020 के चुनावी कैंपेन में उनके रणनीतिकार रहे, भारत के लिए वॉशिंगटन में कूटनीति, पब्लिक रिलेशंस और नीति निर्माण में मदद करेंगे. वहीं, कीथ शिलर, जो ट्रंप के 20 साल तक वफादार बॉडीगार्ड रहे, पाकिस्तान के लिए अमेरिका में आर्थिक और कूटनीतिक रिश्तों को मज़बूत करने का काम करेंगे.
जेसन मिलर होंगे भारत का ‘स्मार्ट’ दांव
जेसन मिलर को ट्रंप का ‘दिमाग’ कहा जाता है. 2016 में ट्रंप के कैंपेन में मुख्य प्रवक्ता और 2020 में सीनियर सलाहकार रहे मिलर ने ट्रंप की रणनीतियों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. उन्होंने GETTR नाम का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी बनाया, जो फ्री स्पीच को बढ़ावा देता है. बताया जा रहा है कि भारत ने मिलर को इसलिए चुना क्योंकि वो ट्रंप की सोच को बारीकी से समझते हैं और वॉशिंगटन के पावर कॉरिडोर्स में उनकी गहरी पैठ है. भारत का मकसद है कश्मीर मसले पर अपनी बात मज़बूती से रखना और इंडस वॉटर्स ट्रीटी जैसे मुद्दों पर अमेरिका का समर्थन हासिल करना.
डॉ. शशि थरूर, जो भारत की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर की कूटनीतिक ज़िम्मेदारी संभाल रहे हैं. उनका कहना है कि जेसन मिलर जैसे रणनीतिकार की मदद से भारत अपनी कूटनीतिक ताकत को और मज़बूत करेगा. ये वक्त है कि हम अपनी बात को दमदार ढंग से दुनिया के सामने रखें.
कीथ शिलर बनेंगे पाकिस्तान का ‘ताकतवर’ हथियार
दूसरी तरफ पाकिस्तान ने कीथ शिलर को चुना, जो ट्रंप के सबसे भरोसेमंद सिपाही रहे हैं. न्यूयॉर्क पुलिस में काम करने के बाद शिलर 1999 में ट्रंप के साथ जुड़े और 2004 में उनकी कंपनी के सिक्योरिटी डायरेक्टर बने. वह ट्रंप के लिए फिक्सर थे, जिन्होंने 2017 में FBI डायरेक्टर जेम्स कोमी को बर्खास्तगी का लेटर पहुंचाया. शिलर की फर्म Javelin Advisors, जिसमें ट्रंप ऑर्गनाइज़ेशन के पूर्व अधिकारी जॉर्जेस सोरियल भी शामिल हैं, अब पाकिस्तान के लिए अमेरिका में आर्थिक साझेदारी और कूटनीतिक रिश्तों को बढ़ाएगी. शिलर उस वक्त भी चर्चा में आए थे, जब 2006 में पोर्न स्टार स्टॉर्मी डैनियल्स ने दावा किया कि शिलर ने उन्हें ट्रंप के साथ डिनर का न्योता दिया था. लेकिन पाकिस्तान का फोकस शिलर की ताकत और ट्रंप के साथ उनकी नज़दीकी का फायदा उठाना है.
विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर इस लॉबिंग जंग पर कहते हैं कि भारत और पाकिस्तान दोनों अपनी रणनीति के साथ वॉशिंगटन में मौजूद हैं. लेकिन भारत का मकसद साफ है. हम शांति और स्थिरता चाहते हैं और इसके लिए हमें सही मंच पर अपनी बात रखनी होगी.
क्यों छिड़ी यह लॉबिंग की ये जंग
पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाक तनाव चरम पर है. भारत ने पाकिस्तान के तीन डिफेंस सलाहकारों को निकाला, वीज़ा रद्द किए और अटारी बॉर्डर बंद कर दिया. दूसरी तरफ, ट्रंप ने 10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच सीज़फायर का ऐलान किया और कश्मीर पर मध्यस्थता की पेशकश की, जिसे भारत ने साफ ठुकरा दिया. ऐसे में दोनों देश वॉशिंगटन में अपनी बात रखने के लिए ट्रंप के करीबियों पर दांव लगा रहे हैं. पाकिस्तान ने हाल के महीनों में पांच लॉबिंग फर्म्स को हायर किया है ताकि कश्मीर और इंडस वॉटर्स ट्रीटी पर भारत की बात का जवाब दे सके.