वेश्यावृत्ति के आरोपी अमेरिकी अरबपति जेफरी एपस्टीन (Jeffrey Epstein) के यौन शोषण की प्रमुख पीड़ितों में से एक वर्जीनिया गिफ्रे (Virginia Giuffre) ने 41 साल की उम्र में खुदकुशी कर ली है. उनके परिवार ने शुक्रवार को इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि उनकी मौत ऑस्ट्रेलिया के नीरगैबी में हुई है. गिफ्रे (Giuffre) यौन शोषण और तस्करी के खिलाफ एक मजबूत आवाज थीं, खासकर एपस्टीन और उसके समर्थकों के खिलाफ. उन्होंने कई अन्य पीड़ितों को आगे आकर अपनी कहानी बताने की हिम्मत दी.
गिफ्रे ने पुलिस को जानकारी देने में अहम भूमिका निभाई, जिसके बाद एपस्टीन की सहयोगी गिस्लेन मैक्सवेल को दोषी ठहराया गया. उन्होंने न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी द्वारा की जा रही कई जांचों में भी मदद की. उनके परिवार ने अपने बयान में कहा, "हम बेहद दुखी मन से यह ऐलान करते हैं कि वर्जीनिया का कल रात पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में अपने खेत में निधन हो गया. यौन शोषण और यौन तस्करी का आजीवन शिकार होने के बाद, उसने आत्महत्या कर ली."
परिवार ने गिफ्रे को यौन दुर्व्यवहार और यौन तस्करी के खिलाफ लड़ाई में एक योद्धा बताया और कहा कि दुर्व्यवहार का बोझ इतना भारी है कि वर्जीनिया सह नहीं सकीं.
इंसाफ के लिए साहसी लड़ाई
गिफ्रे की जिंदगी बचपन से ही परेशानियों से भरी रही. फ्लोरिडा में पली-बढ़ीं, उसके साथ उसके एक पारिवारिक दोस्त ने यौन दुर्व्यवहार किया, जिसके कारण उसे आखिरकार सड़कों पर उतरना पड़ा.
किशोरी के रूप में ग्रिफे की मुलाकात मैक्सवेल से हुई. गिफ्रे ने बाद में आरोप लगाया कि एपस्टीन ने उसे प्रिंस एंड्रयू और मॉडलिंग एजेंट जीन-ल्यूक ब्रुनेल सहित शक्तिशाली लोगों के पास तस्करी कर भेजा था.
दुर्व्यवहार कांड में फाइनेंसर एपस्टीन ने 2019 में यौन तस्करी के आरोपों के लिए मुकदमे का इंतजार करते हुए खुदकुशी कर ली. मैक्सवेल को जेल भेज दिया गया, जिसे 2021 में एपस्टीन के लिए कम उम्र की लड़कियों की भर्ती में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया था. गिफ्रे ने 2021 में प्रिंस एंड्रयू पर भी मुकदमा दायर किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि जब वह 17 साल की थी, तब उन्होंने उसके साथ दुर्व्यवहार किया था. मामला 2022 में सुलझा, हालांकि एंड्रयू ने आरोपों से इनकार किया.