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UN ने लगाई तालिबान को फटकार, कहा- महिलाओं और पत्रकारों पर बल प्रयोग ना किया जाए

मानवाधिकार के लिए यूएन के हाई कमिश्नर ने बयान जारी कर रहा, हम तालिबान से अपील करते हैं कि वे तत्काल बल का इस्तेमाल करना बंद करें. साथ ही शांतिपूर्ण सभा के अपने अधिकार का प्रयोग करने वालों और विरोध प्रदर्शनों को कवर करने वाले पत्रकारों को मनमाने ढंग से हिरासत में ना लिया गया.

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महिलाओं के प्रदर्शन को कवर करने पहुंचे पत्रकारों को तालिबानियों ने बेरहमी से पीटा था (फोटो- पीटीआई)
महिलाओं के प्रदर्शन को कवर करने पहुंचे पत्रकारों को तालिबानियों ने बेरहमी से पीटा था (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यूएन ने कहा- तत्काल बल का इस्तेमाल बंद करें
  • अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता लाएगी तालिबान सरकारः PAK

संयुक्त राष्ट्र ( United Nations) ने शुक्रवार को अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबानियों (Taliban) द्वारा महिलाओं और पत्रकारों पर अत्याचारों के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई. दरअसल, अफगानिस्तान में समान अधिकारों की मांग कर रही महिलाओं और इन आयोजनों को कवर कर रहे पत्रकारों (journalists) को तालिबानियों द्वारा पीटने की घटनाएं सामने आई थीं. 

हाल ही में तालिबानियों ने लोहे की छड़ से दो अफगान वीडियो जर्नलिस्ट्स की पिटाई की गई थी. ताकी दरयाबी ने बताया था कि वह और उसका साथी तालिबान के नए प्रशासन के खिलाफ महिलाओं के प्रदर्शन को कवर करने गए थे. तभी तालिबानी लड़ाकों ने उन्हें रोका और काबुल के एक पुलिस स्टेशन ले गए थे. यहां तालिबानी लड़ाकों ने उन दोनों को बुरी तरह से 10 मिनट तक पीटा था. 

यूएन ने कहा- तत्काल बल का इस्तेमाल बंद करें

मानवाधिकार के लिए यूएन के हाई कमिश्नर ने बयान जारी कर रहा, हम तालिबान से अपील करते हैं कि वे तत्काल बल का इस्तेमाल करना बंद करें. साथ ही शांतिपूर्ण सभा के अपने अधिकार का प्रयोग करने वालों और विरोध प्रदर्शनों को कवर करने वाले पत्रकारों को मनमाने ढंग से हिरासत में ना लिया गया. 

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15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद हजारों की संख्या में लोग काबुल एयरपोर्ट पर इकट्ठा हो गए थे, ताकि आतंकियों के शासन से वे बच सकें. तालिबान के कब्जे के बाद से महिलाएं लगातार अपने हक के लिए प्रदर्शन कर रही हैं. इन प्रदर्शनों के दौरान तालिबान महिलाओं पर बल का इस्तेमाल कर रहे हैं. पिछले हफ्ते तालिबानियों ने हेरात में महिलाओं के प्रदर्शन के दौरान फायरिंग की थी. इसमें दो लोगों की मौत हो गई थी. 
 
पिछले 3 दिन में 250 विदेशी नागरिकों ने छोड़ा अफगानिस्तान

उधर, अमेरिकी विशेष प्रतिनिधि जलमय खलीलजाद ने बताया कि पिछले तीन दिनों में 250 से ज्यादा विदेशी नागरिकों ने काबुल से उड़ान भरी. इनमें कई अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे. उन्होंने इसे सकारात्मक बताया. इन लोगों ने कतर एयरवेज के विमान से उड़ान भरी. ऐसे में खलीलजाद ने कतर को उड़ानों क लिए धन्यवाद कहा. खलीलजाद ने कहा, हम इस महत्वपूर्ण प्रयास में तालिबान के सहयोग का स्वागत करते हैं. 

खलीलजाद ने कहा, हम कतर की सरकार, तालिबान और अन्य लोगों के साथ लगातार संपर्क में हैं, ताकि अमेरिकी और अन्य विदेशी नागरिक साथ ही जो अफगानी नागरिक देश छोड़ना चाहते हैं, उन्हें सुरक्षित निकाला जा सके. 

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पाकिस्तान ने कहा- शांति, स्थिरता लाएगी तालिबानी सरकार

पाकिस्तान ने शुक्रवार को उम्मीद जताई है कि अफगानिस्तान की नई तालिबानी सरकार देश में शांति, स्थिरता और सुरक्षाी लाएगा. लोगों की मानवीय और विकास संबंधी जरूरतों का ध्यान रखने की दिशा में काम करेगी. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता आसिम इफ्तिखार अहमद ने मीडियो को संबोधित करते हुए कहा, हम तालिबान में नई सरकार के गठन समेत अफगानिस्तान की स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है. 

अंतरराष्ट्रीय समुदाय से की अपील
उन्होंने कहा, अफगानिस्तान की शांति में पाकिस्तान का स्थायी हित है. हम यह भी उम्मीद करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय मानवीय संकट को टालने के लिए अफगान लोगों की तत्काल जरूरतों को पूरा करने में मदद करने में अपनी उचित भूमिका निभाएगा. 

अहमद ने कहा, अमेरिकी सेना की वापसी के बाद पाकिस्तान "सक्रिय कूटनीति" कर रहा था. पाकिस्तान अफगानिस्तान में स्थायी शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा, इसके लिए इमरान खान ने दुनिया के 13 नेताओं से बात की. वहीं, विदेश मंत्री शाह महमूद ने 15 अगस्त के बाद से अपने 25 समकक्षों से फोन पर बात की. इतना ही नहीं तब से 6 देशों के विदेश मंत्री भी पाकिस्तान आ चुके हैं. 

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