आज देशभर में धूमधाम से जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है. जन्माष्टमी के मौके पर ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने अपनी पत्नी अक्षता (Akshata) संग इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) मंदिर पहुंचकर दर्शन किए.
उन्होंने बकायदा मंदिर में दर्शन की तस्वीर शेयर कर ट्वीट कर कहा, आज मैं अपनी पत्नी अक्षता के साथ जन्माष्टमी मनाने गया था, यह एक लोकप्रिय हिंदू त्योहार है.
ब्रिटेन में प्रधानमंत्री चुनाव की भागदौड़ के बीच उनके मंदिर पहुंचने को लेकर सोशल मीडिया दो धड़ों में बंट गया है. एक वर्ग जन्माष्टमी पर उनके मंदिर जाने को सामान्य ठहरा रहा है जबकि दूसरा धड़ा इसे उनकी राजनीति से जोड़कर देख रहा है.
भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने ऋषि सुनक कि सराहना करते हुए ट्वीट कर कहा कि वह अमेरिका में भारतीय मूल के कई नेताओं के विपरीत अपने धर्म और संस्कृति से जुड़े हुए हैं. मैं उन्हें एक नेता के रूप में नहीं बल्कि एक इंसान के तौर पर इसका श्रेय देता हूं. विडंबना है कि उन्हें भारत में नॉन सेक्युलर के तौर पर देखा जाएगा.
He remains rooted in his faith and culture unlike many politicians of Indian origin in US who have discarded both. Goes to his credit not only as a politician but a human being too. Ironically, he would be seen in India as non- secular! https://t.co/kWJ6Jht8uL
— Kanwal Sibal (@KanwalSibal) August 18, 2022
रूपेन चौधरी नाम के एक सोशल मीडिया यूजर ने ट्वीट कर कहा कि भारतीय मूल के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ऋषि सुनक जन्माष्टमी पूजा के लिए अपनी पत्नी के साथ इस्कॉन मंदिर पहुंचे. उम्मीद है कि भारत के सेक्युलर्स को इससे कोई शिकायत नहीं होगी.
मनोज मयंक नाम के एक शख्स ने ट्वीट कर कहा कि ऋषि सुनक हिंदू हैं. आज भगवान कृष्ण का जन्मदिन है. इस मौके पर कई हिंदू मंदिर जाते हैं. उन्होंने भी ऐसा ही किया. वह अल्पसंख्यक हिंदुओं का वोट लेने के लिए मंदिर नहीं गए क्योंकि बहुसंख्यक आबादी गैर हिंदू है, ऐसे में उन्हें गैर हिंदुओं के वोट नहीं मिलेंगे. फिर कोई ऐसा क्यों करेगा?
राधिका रामचंद्रन ने ट्वीट कर कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि आप अभी भी हिंदू मूल्यों में विश्वास और उनका पालन करते हैं.
मंदिर पर ऋषि सुनक की हो रही आलोचना का जवाब देते हुए सैम सैड नाम के ट्विटर हैंडल ने ट्वीट कर कहा कि जो लोग यह दावा कर रहे हैं कि वह गुपचुप मंदिर क्यों नहीं गए. उन्हें सलाह है कि हिंदू त्योहार के दौरान मंदिर जाकर देखें. वहां ऐसे समारोह में निजी कुछ नहीं होता.
रविंद्रसिंह जडेजा ने ट्वीट कर कहा कि जो लोग ऋषि सुनक के खिलाफ वोटिंग कर रहे हैं. उन्हें बता दें कि आज जन्माष्टमी हैं. वह मंदिर गए, आशीर्वाद लिया, तस्वीर खिंचाई और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. इस बात के लिए नफरत फैलाने की जरूरत नहीं है. प्यारे भारतीयों, तुम लोगों को क्या लेना देना वो प्रधानमंत्री बने या ना बने. तुम्हारा वीजा नहीं लगेगा, ना कोहिनूर मिलेगा.
हालांकि, एक बड़ा वर्ग उनके मंदिर पहुंचने को राजनीति से जोड़कर भी देख रहा है. लिली शेरवुड नाम की एक सोशल मीडिया यूजर ने ट्वीट कर कहा कि मैंने कभी किसी नेता को चर्च या मंदिर में प्रार्थना में शामिल होते नहीं देखा. यह काफी संदेहास्पद है कि सुनक को एक तथाकथित निजी प्रार्थना सभा के नाम पर अपनी तस्वीरें सार्वजनिक करनी पड़ी. क्या आप अपनी पीआर टीम को मंदिर ले गए थे.
रवि नाम के एक शख्स ने ट्वीट कर कहा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ऋषि सुनक इस्कॉन मंदिर गए क्योंकि वह लेटेस्ट पोल में लिज ट्रस से पीछे चल रहे हैं.
प्रिया नाम की सोशल मीडिया यूजर ने ट्वीट कर कहा कि वाह, क्या यह हिंदुत्व की राजनीति का एक तरीका है? आपका उद्देश्य अर्थव्यवस्था के बजाय मंदिरों का निर्माण कराना और हिंदुओं और धर्म को बचाना है?
नीतू घोष नाम की सोशल मीडिया यूजर ट्वीट कर कहती हैं, धर्म या धार्मिक समारोह फिर चाहे वह मंदिर, चर्च या मस्जिद जाना हो, यह निजी मामला है. आप सार्वजनिक तौर पर इसकी बात क्यों कर रहे हैं. क्या आप भी धर्म कार्ड खेलकर वोट पॉलिटिक्स करना चाहते हैं. अच्छा काम करें, आपको खुद ही वोट मिल जाएंगे.
वहीं, मनप्रीत ट्वीट कर कहते हैं कि मंदिर जाने से आपके पाप नहीं धुलेंगे. जो पाप आपने गरीबों से पैसा छीनकर अमीरों की झोली में डालकर किए हैं.
बता दें कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की दौड़ में ऋषि सुनक, लिज ट्रस के मुकाबले पीछे चल रहे हैं. टोरी वोटर्स के ताजा सर्वे के मुताबिक, लिज ट्रस ने ऋषि सुनक के खिलाफ मजबूत बढ़त बना ली है.
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