मिस्र में मौजूदा अशांति और व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी को अपदस्थ किए जाने के बीच अमेरिका ने अपने नागरिकों को मिस्र की यात्रा से बचने की सलाह दी है और वहां रह रहे अमेरिकियों को मिस्र छोड़ देने के लिए कहा है.
मुर्सी को सत्ता से हटाए जाने के कुछ ही घंटों में जारी बयान में कहा गया, ‘अमेरिकी विदेश मंत्रालय अमेरिकी नागरिकों को परामर्श देता है कि वे मिस्र की यात्रा से बचें. मिस्र में जारी राजनीतिक और सामाजिक अशांति के कारण मंत्रालय मिस्र में रह रहे अमेरिकियों को वहां से निकलने की सलाह देता है.’ विदेश मंत्रालय ने वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक अशांति के चलते मिस्र में सामान्य अमेरिकी स्टाफ और उनके परिवार को वहां से निकल जाने के आदेश दिए हैं.
मंत्रालय ने कहा, ‘दिसंबर 2012 में संवैधानिक जनमत संग्रह और मिस्र की 25 जनवरी क्रांति की वर्षगांठ से पहले तेज हुई राजनीतिक अशांति के निकट भविष्य में और ज्यादा बिगड़ जाने की आशंका है.’
मंत्रालय ने कहा कि कई मौकों पर प्रदर्शन पुलिस और प्रदर्शनकारियों या विभिन्न गुटों के प्रदर्शनकारियों के बीच की हिंसक झड़पों में बदल गए जिससे कई मौतें हुईं, कई लोग घायल हुए और संपत्ति का भारी नुकसान हुआ. गत 28 जून को एलेक्जेंड्रिया में विरोध प्रदर्शन के दौरान एक अमेरिकी नागरिक मारा गया
था.
नौ मई को अमेरिकी दूतावास के बाहर एक अमेरिकी नागरिक पर चाकू से हमला किया गया. उससे पूछा गया था कि क्या वह एक अमेरिकी है? इसके साथ ही पश्चिमी देशों के नागरिक और अमेरिकी लोगों को झड़पों और प्रदर्शनों के बीच कई बार पकड़ा जाता रहा है.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘अमेरिकी नागरिकों से अपील की जाती है कि वे स्थानीय सुरक्षा घटनाक्रमों के बारे में सजग रहें और अपनी निजी सुरक्षा के लिए पुलिस चौकी, अग्निशमन केंद्रों, अस्पताल और अमेरिकी दूतावास की स्थिति के बारे में जागरूक रहें.’
मिस्र की सेना ने देश में पहली बार लोकतांत्रिक रूप से चयनित राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को सत्ता से बेदखल करके इस्लाम समर्थित संविधान को निलंबित कर दिया. मुर्सी को दी गई 48 घंटे की समयसीमा खत्म होने पर सेना ने लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए एक नई रूपरेखा पेश की.