मिस्र की शक्तिशाली सेना ने देश में लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित हुए प्रथम राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी को बुधवार रात कुर्सी से बेदखल कर दिया और संविधान को रद्द कर दिया गया. मिस्र में चीफ जस्टिस होंगे अंतरिम राष्ट्रपति.
मिस्र के अपदस्थ नेता मोहम्मद मोर्सी को सेना द्वारा अपदस्थ किए जाने के चंद घंटे बाद अधिकारियों ने उन्हें और उनके कुछ महत्वपूर्ण समर्थकों को हिरासत में ले लिया. इस सबके बावजूद मोर्सी ने कहा कि वह देश के वैधानिक नेता हैं.
मीडिया में आई खबरों में मुस्लिम ब्रदरहुड के दो वरिष्ठ सदस्यों के हवाले से कहा गया है कि 61 वर्षीय मोर्सी को उनके शीर्ष सहयोगियों के साथ एक सैन्य प्रतिष्ठान में रखा गया है.
सेना द्वारा लोगों की मांग मानने के लिए ली गई 48 घंटे की मियाद खत्म होने के बाद यह कदम उठाया गया है. मिस्र के सैन्य कमांडर अब्देल फतह अल सीसी ने टीवी पर एक बयान में राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपति मोर्सी की जगह संवैधानिक अदालत के मुख्य न्यायाधीश को पदस्थापित किया गया है.

मिस्र की सेना ने संविधान को रद्द कर दिया है और जल्द राष्ट्रपति चुनाव कराये जाने की घोषणा की है. मोर्सी की सत्ता से बेदखली की मांग कर रहे देशभर के लाखों प्रदर्शनकारियों ने सेना के इस कदम पर खुशी मनाई. अल सीसी ने कहा कि सेना मोर्सी को कुर्सी से बेदखल कर देश को बचाने की ऐतिहासिक जिम्मेदारी को पूरा कर रही है.
मोर्सी विरोधियों की सत्ता साझा करने की मांग को पूरा करने में नाकाम रहे जो काहिरा की सड़कों पर उमड़ रहे थे. मोर्सी की बेदखली का बयान जारी किए जाने से पहले सैनिक राजधानी के महत्वपूर्ण स्थानों के आसपास पहुंच गए थे. सरकारी अखबार अल अहरम ने राष्ट्रपति भवन के सूत्रों के हवाले से बताया कि सशस्त्र बलों के जनरल कमान ने स्थानीय समय के मुताबिक शाम सात बजे राष्ट्रपति मोर्सी को बताया कि वह अब देश के राष्ट्रपति नहीं हैं.

वहीं, मोर्सी के एक सहयोगी ने बताया कि 61 वर्षीय नेता किसी अज्ञात स्थान पर चले गए हैं. मीडिया रिपोर्ट में इससे पहले कहा गया था कि मोर्सी को नजरबंद रखा गया है, लेकिन सैन्य सूत्रों ने इस तरह के दावों से इनकार कर दिया था. हवाई अड्डा अधिकारियों ने कहा है कि मोर्सी के खिलाफ एक यात्रा प्रतिबंध लगाया गया है.