अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कतर पर हमले से पहले उन्हें जानकारी नहीं दी गई थी. उन्होंने कहा कि इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने बीते मंगलवार को कतर पर हमले से पहले उन्हें कुछ नहीं बताया था. लेकिन इजरायल के अधिकारियों ने ट्रंप के इस दावे को खारिज किया है. इजरायली अधिकारियों ने कहा है कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ट्रंप को बता दिया था कि कतर में हमास के नेताओं पर एयरस्ट्राइक की जाएगी.
इन्वेस्टिगेटिव न्यूज वेबसाइट Axios ने ट्रंप का दावा सामने आते ही इजरायल के कई अधिकारियों से संपर्क किया और सच्चाई जाननी चाही. अधिकारियों ने बताया कि नेतन्याहू ने कतर पर एयरस्ट्राइक से पहले ट्रंप को इसकी जानकारी दे दी थी.
व्हाइट हाउस ने इसे लेकर पहले कहा था कि इजरायल ने कतर पर हमले की जानकारी ट्रंप को तब दी जब मिसाइलें कतर पर हमले के लिए हवा में थीं जिससे ट्रंप हमला रोक नहीं सके. लेकिन एक्सियोस ने इजरायली अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि, भले ही कम समय में हमले की प्लानिंग की गई और तुरंत इसे अंजाम भी दे दिया गया लेकिन अमेरिका को पहले से हमले की जानकारी थी.
इजरायल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक्सियोस को बताया, 'कतर पर एयरस्ट्राइक के लिए मिसाइल के लॉन्च होने से पहले ही ट्रंप को हमले की जानकारी थी. ट्रंप और नेतन्याहू के बीच इसे लेकर राजनीतिक स्तर पर पहले ही बात हो चुकी थी जिसके बाद सैन्य माध्यमों के जरिए इसपर चर्चा हुई थी. ट्रंप ने इस दौरान तो हमले के लिए मना नहीं किया.'
हालांकि, ट्रंप कतर पर हमले से अंजाम बनने की कोशिश करते दिखे. व्हाइट हाउस में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे इसकी पहले से जानकारी नहीं थी. इजरायल को कतर पर हमला नहीं करना चाहिए था.'
एक अन्य इजरायली अधिकारी ने कहा कि ट्रंप को कतर पर हमले से पहले बिल्कुल अच्छे तरह से बता दिया गया था. अधिकारी ने कहा, 'अगर ट्रंप चाहते तो वो हमले को रोक सकते थे.'
अधिकारी ने यह भी कहा कि नेतन्याहू ने ट्रंप को तब फोन नहीं मिलाया था जब मिसाइलें लॉन्च हो चुकी थीं बल्कि हमले को रोकने के लिए अमरिकियों के पास पर्याप्त वक्त था.
तीन इजरायली अधिकारियों ने बताया कि नेतन्याहू ने ट्रंप को सुबह करीब 8 बजे फोन किया था जबकि कतर की राजधानी दोहा में पहला धमाका 8:51 में सुना गया. एक्सियोस ने बताया कि हमले की जानकारी मिलते ही मध्य-पूर्व में अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ कतर को सावधान करने के लिए निकले लेकिन तब तक मिसाइलें छूट चुकी थीं.
वहीं, अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि जब अमेरिकी सेना ने हवा में इजरायली जेट्स को देखा तो इजरायल से सफाई मांगी लेकिन जब तक सफाई आई, दोहा में हमला हो चुका था.
अमेरिका अरब देशों को सुरक्षा की गारंटी देता आया है, बदले में ये देश उसे अरबों का निवेश देते हैं, हथियार खरीदते हैं. हाल ही में कतर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 40 करोड़ डॉलर की एक लग्जरी जेट गिफ्ट की थी.
इसके बाद भी अपने सहयोगी कतर पर हमले को न रोक पाने को लेकर ट्रंप की आलोचना हो रही है. कतर पर हमले के खिलाफ दुनियाभर के इस्लामिक देश साथ आए हैं और रविवार-सोमवार के बीच अरब-इस्लामिक देशों की बैठक हुई है.
सोमवार को दोहा में आयोजित अरब-इस्लामिक इमर्जेंसी शिखर सम्मेलन में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने कहा कि कतर पर हमले के बाद आने वाले वक्त में कोई भी अरब या मुस्लिम देश की बारी आ सकती है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम देशों के पास एक ही विकल्प है कि वो एक हो जाएं.