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ईरान: प्रसिद्ध शिया दरगाह के अंदर घुसा आतंकवादी, बरसाने लगा गोलियां, भागने लगे जायरीन!

ईरान में इस्लामिक स्टेट सरकारी भवनों और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाता रहा है. एक बार फिर ईरान की एक दरगाह में हमला हुआ है. अधिकारियों का कहना है कि यह एक आतंकवादी हमला है. हालांकि, किसी आतंकी संगठन ने अभी तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.

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ईरान की प्रसिद्ध दरगाह जहां हुआ हमला (Photo- Reuters)
ईरान की प्रसिद्ध दरगाह जहां हुआ हमला (Photo- Reuters)

इस्लामिक देश ईरान के एक शिया दरगाह पर हमला हुआ है जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई है.  ईरान की सरकारी मीडिया ने रविवार को बताया कि 'आंतकी' हमला ईरान के शहर शिराज में स्थित शाह चिराग दरगाह पर हुआ है. यह दरगाह ईरान के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है.

ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी IRNA ने बताया कि एक हथियारबंद हमलावर ने शाह चिराग दरगाह में घुसने की कोशिश की और उसने वहां पहुंचे लोगों पर गोली चला दी. हालांकि, उसे जल्द ही हिरासत में ले लिया गया.

पिछले साल अक्टूबर में भी शाह चिराग दरगाह को निशाना बनाया गया था जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई थी. उस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली थी. 

ईरान की सरकारी मीडिया ने पहले तो बताया कि हमले में दो लोग शामिल थे और चार लोगों की मौत हुई है. लेकिन बाद में बताया गया कि हमले में एक व्यक्ति ही शामिल था और केवल एक शख्स की मौत हुई है. हमले में आठ लोगों के घायल होने की भी बात कही जा रही है.

ईरान की सेना इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स के कमांडर यदोल्ला बौली ने बताया, 'एक आतंकवादी दरगाह के गेट में घुसा और उसने बैटल राइफल से गोलियां चला दीं.'

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सुरक्षाबलों ने रोका तो कर दी अंधाधुंध फायरिंग

वहीं, सरकार समर्थित फार्स न्यूज एजेंसी का कहना है कि बंदूकधारी ने दरगाह में बाब अल-महदी दरवाजे से घुसने की कोशिश की थी. हालांकि, सुरक्षाबलों ने उसे वहीं रुकने के लिए कह दिया. एजेंसी को प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब सुरक्षाकर्मियों ने उसे रोका तब उसने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी.

ईरान की एक अन्य समाचार एजेंसी तस्नीम ने बताया कि हमले में कम से कम सात लोग घायल हो गए हैं. अफरा-तफरी को देखते हुए क्षेत्र की दुकानें बंद कर दी गई हैं. सरकारी टीवी ने बताया कि सुरक्षाबलों ने दरगाह को चारों तरफ से घेर लिया है और आसपास की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.

टीवी पर जो तस्वीरें दिखाई जा रही हैं उनमें दरगाह के प्रवेश द्वार पर लगी खिड़कियों में गोलियों के छेद दिखाई दे रहे हैं. दरगाह में सातवें शिया इमाम मूसा अल-कादिम के दो बेटों की कब्रें शामिल हैं, जो आठवें इमाम अली अल-रिदा के भाई भी हैं.

अक्टूबर हमले में दो लोगों को हुई थी फांसी

पिछले महीने ही ईरान ने दरगाह पर अक्टूबर में हमला करने के आरोप में दो लोगों को फांसी की सजा दी थी. अक्टूबर हमले का मुख्य आरोपी 30 वर्षीय अफगान नागरिक हमीद बदख्शां था जिसे हमले के दौरान पुलिसकर्मियों ने घटनास्थल पर ही मार गिराया था.

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वहीं, तीन दोषियों को इस्लामिक स्टेट के साथ संबंध रखने के लिए 25 सालों के जेल की सजा सुनाई गई थी.
इस्लामिक स्टेट ईरान में पहले भी धार्मिक स्थलों और सरकारी भवनों को निशाना बनाता रहा है. आईएस ने साल 2017 में ईरान में दो हमले किए थे. एक हमला ईरान की संसद पर किया गया था और दूसरा हमला ईरान के संस्थापक अयातुल्ला रुहोल्लाह खुमैनी की कब्र पर हुआ था. 

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