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इजरायली हमलों के बीच तेहरान में वर्क फ्रॉम होम 23 जून तक बढ़ाया गया, ईरान की बैंक भी निशाने पर

ईरानी अधिकारियों ने पुष्टि की कि देश की दो प्रमुख बैंकों- बैंक सेपाह (Bank Sepah) और बैंक पासारगाद (Bank Pasargad) पर साइबर हमला हुआ है. सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इन बैंकों के सिस्टम को निशाना बनाया गया है, लेकिन लोगों के डाटा की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं हुआ है और सभी सिस्टम को जल्द ही उनकी मूल स्थिति में बहाल कर दिया जाएगा.

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ईरान और इजरायल के बीच हवाई हमले जारी हैं
ईरान और इजरायल के बीच हवाई हमले जारी हैं

ईरान और इजरायल लगातार एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं. इसी बीच तेहरान के गवर्नर ने ऐलान किया है कि राजधानी तेहरान में सरकारी कर्मचारी अब 23 जून मंगलवार तक वर्क फ्रॉम होम करेंगे. ये फैसला उपराष्ट्रपति और देश के शीर्ष नियुक्ति प्राधिकरण के निर्देश के बाद लिया गया है.

वर्क फ्रॉम होम यानी टेलीवर्किंग के तहत कर्मचारी फोन, कंप्यूटर और इंटरनेट की मदद से अपना काम दफ्तर आए बिना घर से कर सकते हैं. महिला कर्मचारियों को विशेष रूप से इस विकल्प का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है.

तेहरान के बैंक कम से कम 50% शाखाएं खुली रखेंगे, जिनमें वे शाखाएं भी शामिल हैं, जो विदेशी मुद्रा और लॉकर सेवाएं प्रदान करती हैं, ताकि जनता को जरूरी सेवाएं मिलती रहें. हालांकि यह नियम आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं पर लागू नहीं होगा. अस्पताल, पुलिस, सेना, सुरक्षा बल और नगरपालिका विभाग सामान्य रूप से काम करते रहेंगे.

वहीं, ईरानी अधिकारियों ने पुष्टि की कि देश की दो प्रमुख बैंकों- बैंक सेपाह (Bank Sepah) और बैंक पासारगाद (Bank Pasargad) पर साइबर हमला हुआ है. सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इन बैंकों के सिस्टम को निशाना बनाया गया है, लेकिन लोगों के डाटा की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं हुआ है और सभी सिस्टम को जल्द ही उनकी मूल स्थिति में बहाल कर दिया जाएगा.

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रॉयटर्स के मुताबिक इस हमले की जिम्मेदारी एक ईरान-विरोधी हैकर ग्रुप 'गोंजेश्के डारंडे' (Gonjeshke Darande) ने ली है. इस ग्रुप को अंग्रेज़ी में 'Predatory Sparrow' के नाम से जाना जाता है. इस ग्रुप के इजरायल से जुड़े होने की आशंका है और यह पहले भी ईरान पर विनाशकारी साइबर हमले कर चुका है. 

इस ग्रुप ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि उसने ईरान के सरकारी बैंक सेपाह का डाटा तबाह कर दिया है, क्योंकि यह बैंक ईरानी सेना को वित्तीय मदद देता है. ये साइबर अटैक ऐसे समय में हुआ है जब ईरान और इजराइल के बीच तनाव चरम पर है. पिछले सप्ताह इजराइल ने ईरान के कई सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमला किया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच मिसाइल हमलों का सिलसिला जारी है.

हालांकि रॉयटर्स ने इस बात की पुष्टि नहीं की कि बैंक सेपाह पर हमला हुआ है या नहीं. हमले के दिन बैंक सेपाह की वेबसाइट ऑफलाइन थी और लंदन स्थित उसकी सहयोगी शाखा Bank Sepah International plc ने भी मीडिया के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया.

बता दें कि ये वही हैकर ग्रुप है जिसने 2022 में ईरान के स्टील प्लांट पर साइबर हमला किया था. साथ ही इसे 2021 में ईरान के पेट्रोल पंप नेटवर्क को ठप करने वाले साइबर हमले से भी जोड़ा गया है. हालांकि इजरायल ने कभी औपचारिक रूप से यह स्वीकार नहीं किया कि वह इस समूह के पीछे है, लेकिन इजराइली मीडिया में इसे इजरायल से जुड़ा ग्रुप बताया जाता रहा है.

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