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म्यांमारः आंग सान सू की की गिरफ्तारी, सैन्य सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे छात्र और शिक्षक

म्यांमार में सेना द्वारा सोमवार को तख्तापलट कर दिया गया और सत्तारुढ़ पार्टी की नेता आंग सान सू की और म्यांमार के राष्ट्रपति को हिरासत में ले लिया गया. सेना की ओर से तख्तापलट इस आरोप की आड़ में किया गया कि पिछले साल नवंबर में हुए चुनावों में धांधली की गई थी. इ

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तख्तापलट के खिलाफ लोग सड़क पर प्रदर्शन कर रहे (रॉयटर्स)
तख्तापलट के खिलाफ लोग सड़क पर प्रदर्शन कर रहे (रॉयटर्स)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • प्रदर्शन के दौरान फिल्म से प्रेरित हो 3 अंगुली दिखा रहे थे सभी
  • म्यांमार में सेना द्वारा सोमवार को तख्तापलट कर दिया गया
  • सैन्य शासन ने आंग सान सू की, राष्ट्रपति को हिरासत में लिया

म्यांमार में तख्तापलट के बाद लोगों का सैन्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. सैकड़ों छात्र और शिक्षक शुक्रवार को म्यांमार की सड़कों पर उतरे और उन्होंने सैन्य सरकार से मांग की कि चुने हुए राजनेताओं के हाथों में सत्ता फिर से सौंपी जाए. तख्तापलट के बाद देश के कई हिस्सों में जोरदार प्रदर्शन हो रहा है यहां तक राजधानी यंगून में भी.

तख्तापलट के बाद यंगून के दो यूनिवर्सिटीज में हुई सबसे बड़ी रैलियों में प्रदर्शनकारी 3-3 अंगुलियों को दर्शा रहे हैं जो विरोध जताने के लिए "द हंगर गेम्स" नाम की फिल्म से प्रेरित था. इस अंदाज में म्यांमार के पड़ोसी देश थाईलैंड में भी सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन किया था. वे "लॉन्ग लिव मदर सू" का नारा लगा रहे थे. मदर सू के जरिए अपदस्थ नेता आंग सान सू का जिक्र किया जा रहा था, जिन्हें हिरासत में ले लिया गया है. इसके अलावा "हम सैन्य तानाशाही नहीं चाहते" के नारे भी लगाए गए.

हम कभी साथ नहीं देंगेः लेक्चरार

यंगून यूनिवर्सिटी ऑफ एजुकेशन में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान एक लेक्चरार डॉक्टर न्वे थेजिन ने सेना के खिलाफ बोलते हुए कहा, "हम उनका साथ कभी नहीं होंगे. हम चाहते हैं कि इस तरह की सरकार जल्द से जल्द खत्म हो."

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गतिरोध उस समय से बढ़ता जा रहा है जब सेना ने सोमवार को ऐलान किया कि वह सालभर के लिए सत्ता ग्रहण करने जा रही है. हालांकि उसका यह ऐलान इस दक्षिण पूर्व एशियाई देश के लिए बेहद चौंकाने वाला रहा क्योंकि दशकों तक सैन्य शासन के बाद लोकतंत्र की बहाली हो रही थी.

प्रदर्शन के दौरान देश के सबसे बड़े शहर यंगून में विपक्ष, लोगों ने अपनी खिड़कियों के बाहर गमले और बर्तन पीट विरोध जताया क्योंकि लोग नहीं चाहते थे कि वे सरकार का निशाना बनें. हालांकि अब छात्रों और चिकित्साकर्मियों समेत बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरने लगे हैं. इनमें से कुछ तो काम करने से इनकार कर रहे हैं.

दुनियाभर से प्रतिक्रिया

दूसरी ओर, म्यांमार में सेना द्वारा किए गए तख्तापलट के बाद दुनियाभर से कड़ी प्रतिक्रिया आ रही हैं. अमेरिका ने भी म्यांमार सैन्य शासन से कहा है कि हिरासत में लिए गए नेताओं को तत्काल रिहा कर दिया जाए. अमेरिका ने कहा कि आंग सान सू की को तुरंत रिहा कर दिया जाए वरना अमेरिका की ओर से प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहें.

सैन्य शासन ने विपक्ष को शांत करने के लिए कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया तो उसकी ओर से फेसबुक को प्रतिबंधित करते हुए उपयोगकर्ताओं को प्रदर्शनों को आयोजित करने से रोकने की कोशिश की गई.

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म्यांमार में ज्यादातर लोगों के लिए इंटरनेट पर जानकारी हासिल करने के लिए फेसबुक एक अहम माध्यम है, जहां राज्य द्वारा कानूनी कार्रवाई की धमकियों के कारण पारंपरिक मीडिया को राज्य नियंत्रित या सेल्फ-सेंसर कर दिया जाता है.

कागज पर प्रिंट लाल फीता

हिरासत में अब राजनेता विन हेटिन को भी ले लिया गया है, जो आंग सान सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य हैं.

यंगून यूनिवर्सिटी ऑफ एजुकेशन में शुक्रवार को करीब 200 लोग विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए, और इसी तरह शहर की डैगन यूनिवर्सिटी में करीब इतने ही लोगों की संख्या में लोग कागज पर प्रिंट किए हुए लाल फीते को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. सू की पार्टी का सविनय अवज्ञा अभियान का यह अपना प्रतीक है.

इससे पहले सोमवार की सुबह-सुबह म्यांमार में सेना द्वारा तख्तापलट कर दिया गया और सत्तारुढ़ पार्टी की नेता आंग सान सू की और म्यांमार के राष्ट्रपति को हिरासत में ले लिया गया. सेना की ओर से तख्तापलट इस आरोप की आड़ में किया गया कि पिछले साल नवंबर में हुए चुनावों में धांधली की गई थी. इस आरोप के बाद से ही 'नागरिक सरकार' और सेना के बीच भारी तनाव चल रहा था.

ये भी है कि म्यांमार की सेना यह साबित नहीं कर सकी कि कोई धांधली हुई थी. म्यांमार के चुनाव आयोग ने भी सेना के आरोपों को सिरे से नकार दिया है.

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