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'हत्या की खबर गलत, तालिबान ने मुझे पीटा था', काबुल में रिपोर्टिंग कर रहे टोलो न्यूज के पत्रकार की सफाई

अफगानिस्तान के काबुल में तालिबान ने एक पत्रकार को पीटा है. इससे पहले उसने भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की जान ले ली थी.

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तालिबान ने पत्रकार की जान ली (सांकेतिक फोटो)
तालिबान ने पत्रकार की जान ली (सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तालिबान पत्रकारों के साथ बुरा बर्ताव कर रहा
  • आम लोगों के साथ पत्रकार भी डरे हुए हैं

तालिबान द्वारा अफगान के लोगों को सुरक्षा मुहैया कराए जाने के दावे खोखले साबित होते जा रहे हैं. ताजा जानकारी के मुताबिक, तालिबान ने काबुल में एक पत्रकार को पीटा है. यह पत्रकार टोलो न्यूज के लिए काम कर रहे थे. इससे पहले तालिबान ने भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी को भी मार दिया था.

TOLOnews के पत्रकार जियार याद ( Ziar Yad) को तालिबान द्वारा पीटा गया है. जियार ने बताया है कि किस तरह तालिबान पत्रकारों के साथ कभी-कभी बुरा बर्ताव कर रहा है. जियार याद ( Ziar Yad) और उनके कैमरामेन साथी को तालिबान ने पीटा था. वे लोग अफगान में गरीबी और बेरोजगारी पर रिपोर्टिंग कर रहे थे. ये लोग काबुल में हाजी याकूब चौराहा के पास रिपोर्टिंग कर रहे थे. जियार ने बताया कि जब वे लोग फोटोज क्लिक कर रहे थे तब तालिबान के लोग उनके पास आए और उनका फोन छीन लिया. फिर दोनों को हथियारों से पीटा.

इससे पहले खबरें थीं कि जियार की तालिबान ने हत्या कर दी है. लेकिन फिर बाद में जियार ने खुद उन खबरों को गलत बताया. जियार ने कहा कि तालिबान ने उनको पीटा था, जान नहीं ली.

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पत्रकार संगठनों ने जताई आपत्ति

पत्रकार संग बुरे बर्ताव के मामले पर पत्रकार संगठनों ने भी आपत्ति जताई है. कहा गया है कि जिस दिन से तालिबान ने अफगानिस्तान और काबुल पर नियंत्रण किया है, तब से पत्रकारों के साथ उनका व्यवहार चिंता का विषय रहा है. दूसरी तरफ, तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के उप प्रमुख अहमदुल्ला वासीक ने कहा है कि हमने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और काबुल कमांडर के साथ बातचीत की गई है.

बता दें कि अफगान पर कब्जे के बाद तालिबान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इसमें दुनिया भर की मीडिया के सामने कई वादे किए गए थे. इसमें से एक वादा यह भी था कि वह मीडिया को अफगान में आजादी के साथ काम करने देगा. लेकिन साथ ही साथ कहा था कि उन्हें 'अफगान के कल्चर' का सम्मान करना होगा. हालांकि, यह साफ नहीं किया गया था कि यहां अफगान के कल्चर से उनका मतलब क्या है.

तालिबान ने ही रॉयटर्स न्यूज एजेंसी के फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी को मार दिया था. रिपोर्ट्स में पता चला था कि तालिबान ने दानिश की बेरहमी से हत्या की थी. 18 जुलाई को दानिश का शव भारत लाया गया था और उन्हें जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया था.

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