कोलंबो में पेट्रोल पंप के बाहर ऑटो चालकों की कतार. आर्थिक बदहाली झेल रहे श्रीलंका में हालात बदतर हो गए हैं. सड़क से लेकर राष्ट्रपति भवन तक हर तरफ प्रदर्शनकारी नजर आ रहे हैं. लोग पेट्रोल, बिजली और भोजन जैसी आधारभूत सुविधाओं के लिए मशक्कत कर रहे हैं. लोगों के सब्र का बांध अब टूट चुका है, जिसका खामियाजा वहां के नेताओं को उठाना पड़ रहा है.
श्रीलंका के राष्ट्रपति भवन पर 9 जुलाई को प्रदर्शनकारियों ने कर लिया था, जिसे अब वो छोड़ने को तैयार नहीं हैं. उनका कहना है कि जब तक गोटबाया राजपक्षे राष्ट्रपति के पद से इस्तीफा नहीं देते, तब तक राष्ट्रपति भवन उनके कब्जे में रहेगा. वहीं, देश में जगह-जगह सेना भी तैनात है. इस मुद्दे पर इस तरह के तमाम बड़े अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए आजतक डॉट इन के साथ.
स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने एक दिन पहले बीबीसी को दिए इंटरव्यू में यह कहकर सबको चौंका दिया था कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश से बाहर हैं. वह अभी पास के एक देश में हैं. वह बुधवार तक देश लौट आएंगे. हालांकि सोमवार को वह अपने बयान से पलट गए. स्पीकर ने एएनआई से फोन पर बात करते हुए कहा, ''मैंने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में यह बात गलती से कह दी कि राष्ट्रपति ने देश छोड़ दिया है. वह अभी भी श्रीलंका में ही हैं".
श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच अब नए राष्ट्रपति के चुनाव की तारीख का भी ऐलान कर दिया गया है. श्रीलंकाई मीडिया ने स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने के हवाले से बताया कि राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई तक नामांकन किए जा सकेंगे. इसके बाद 20 जुलाई को इस पद के लिए वोटिंग होगी. मालूम हो कि पिछले दिनों प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद राष्ट्रपति ने 13 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया था.
Sri Lanka Crisis: कैसे तबाही की हद तक पहुंच गया श्रीलंका, हालात या सरकार कौन जिम्मेदार?
श्रीलंका के विपक्ष के नेता सांसद साजिथ प्रेमदासा ने ट्वीट किया कि गोटबाया राजपक्षे, रानिल विक्रमसिंघे और पोहोट्टुवा सरकार ने अपनी वैधता खो दी है. पिछले ढाई साल में आपने हमारे देश को तबाह कर दिया है. हम नए राष्ट्रपति और नए पीएम के साथ नई सरकार बनाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर कोई इस प्रक्रिया का विरोध करता है तो वह आगे होने वाली अराजकता के लिए जिम्मेदार होगा.
.@GotabayaR, @RW_UNP & the Pohottuwa government has lost its legitimacy. In the past 2½ years your incompetence has destroyed our country. We will form a new government with a new President & a new PM. All those who oppose this process will be responsible for the ensuing anarchy.
— Sajith Premadasa (@sajithpremadasa) July 11, 2022
प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय ने सोमवार को कहा कि सर्वदलीय अंतरिम सरकार बनने के बाद पूरा श्रीलंकाई मंत्रिमंडल अपनी जिम्मेदारियां सौंपने के बाद तक इस्तीफा दे देगा. मालूम हो कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शनिवार को घोषणा की कि वह बुधवार को इस्तीफा देंगे. वहीं प्रधानमंत्री भी यह कह चुके हैं कि नई सरकार बनने के बाद वह पद छोड़ देंगे.
श्रीलंका में राजनीतिक अस्थिरता के बीच पेट्रोल-डीजल की भारी किल्लत हो गई है. राजधानी कोलंबो के पेट्रोल पंप्स पर लोगों को 4-5 दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है. कोलंबो के एक स्थानीय लोगों ने बताया कि वह पिछले 5 दिनों से पेट्रोल के लिए कतार में लगे हुए थे. जब उनकी बारी आई तो उन्हें 1500 रुपए (श्रीलंकन रु.) में 3 लीटर पेट्रोल दिया गया. यहां बाइक के लिए अधिकतम 3 लीटर पेट्रोल की लिमिट तय की गई है.
श्रीलंका के सभी मंत्री जल्द ही इस्तीफा दे सकते हैं. वे सभी जल्द से जल्द सर्वदलीय सरकार का गठन चाहते हैं. वरिष्ठ मंत्रियों के मुताबिक जबतक सर्वदलीय सरकरा का गठन नहीं हो जाता, पूरी कैबिनेट इस्तीफा नहीं देगी.
श्रीलंका में जारी आर्थिक बदहाली के बीच वहां के दिग्गज क्रिकेटर सनथ जयसूर्या ने भारत का आभार जताया है. जयसूर्या ने कहा, 'हमारे देश में स्थिर सरकार आने के बाद IMF, भारत और सभी मित्र देश हमारी मदद करेंगे. भारत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने संकट की शुरूआत से ही हमारे देश की मदद की है. हम उनके आभारी हैं. उन्होंने आगे कहा कि श्रीलंका के लिए भारत बड़ी भूमिका निभा रहा है.
श्रीलंका एक बेलआउट पैकेज प्राप्त करने के लिए अगस्त तक IMF को अपना ऋण पुनर्गठन कार्यक्रम प्रस्तुत करेगा. अगर सरकार इसे जमा करने में विफल रहती है, तो आईएमएफ को कई महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है.
श्रीलंका में जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच युवाओं ने राष्ट्रपति भवन में साफ-सफाई की. उन्होंने कहा कि यह एक सार्वजनिक क्षेत्र है. इसलिए हमारा मानना है कि इसकी सफाई हमारी जिम्मेदारी है. युवाओं ने आगे कहा कि हमारी पीढ़ी को व्यवस्था बदलनी चाहिए. हमने राष्ट्रपति राजपक्षे को संदेश दे दिया है. अब हमें शांत हो जाना चाहिए.
भारत के प्रमुख रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञों ने कहा है कि श्रीलंका में फिलहाल हालात सुधरने की गुंजाइश नहीं है. राजपक्षे परिवार के खिलाफ लोगों में गुस्सा है. इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि गोटबाया राजपक्षे ने एक सर्वदलीय सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करते हुए पद छोड़ने का फैसला किया है.
श्रीलंका के सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें प्रसारित की जा रही हैं कि भारत ने वहां अपनी सेना भेजी है. इस पर श्रीलंका में स्थित भारतीय उच्चायोग की सफाई आई है. उच्चायोग ने बयान जारी कर इन रिपोर्ट्स का खंडन किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि भारत, श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है.
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने 13 जुलाई को इस्तीफा देने की बात कही है, लेकिन प्रदर्शनकारियों को भरोसा नहीं है कि वे इस्तीफा देंगे. इसलिए लोगों ने 13-14 जुलाई तक राष्ट्रपति भवन में ही रहने की योजना बनाई है.
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के सरकारी आवास पर कब्जा करने वाले सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों की धमा-चौकड़ी जारी है. रविवार को प्रदर्शनकारियों ने एक नकली कैबिनेट बैठक की. बैठक के दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ देश के आर्थिक संकट पर चर्चा भी की. इसके अलावा मॉक कैबिनेट बैठक में प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के घर पर हुए आगजनी पर चर्चा की. IMF (अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) के साथ मॉक मीटिंग में प्रदर्शनकारियों ने एक विदेशी युवक को भी शामिल कर लिया था. विदेशी युवक प्रदर्शनकारियों के कब्जे के बाद राष्ट्रपति भवन में घूमने गया था.
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