श्रीलंकाई पुलिस ने रविवार को कर्फ्यू के बावजूद विरोध प्रदर्शन कर रहे विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्रों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार कीय. देश में सबसे खराब आर्थिक संकट से निपटने के लिए एक सर्वदलीय अंतरिम सरकार की नियुक्ति की मांग बढ़ गई है.
बिजली और जरूरी चीजों की कटौती
सरकार द्वारा आर्थिक संकट से खराब तरीके से निपटने के चलते यहां लोग लंबे समय तक बिजली की कटौती और आवश्यक वस्तुओं की कमी को झेल रहे हैं. इससे आम जनता गुस्सा अब सड़कों पर दिख रहा है. यही कारण है कि रविवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई थी.
राष्ट्रपति ने लगाया सार्वजनिक आपातकाल
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शुक्रवार देर रात एक विशेष गजट अधिसूचना जारी की, जिसमें 1 अप्रैल से तत्काल प्रभाव से श्रीलंका में सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा की गई. सरकार ने शनिवार शाम 6 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक 36 घंटे का कर्फ्यू भी लगाया है. साथ ही इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को सोशल मीडिया के उपयोग को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया गया है, ताकि राष्ट्रपति राजपक्षे के निष्कासन के लिए नियोजित प्रदर्शनों को रोका जा सके. हालांकि, रविवार को करीब 15 घंटे के भीतर सोशल मीडिया पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया.
कर्फ्यू के बावजूद विपक्ष का विरोध प्रदर्शन
इधर, कर्फ्यू के आदेशों को नजरअंदाज करते हुए, श्रीलंका के प्रमुख विपक्षी दल समागी जाना बालवेगया के सांसदों ने राष्ट्रपति के आपातकाल के फैसले के खिलाफ कोलंबो में सरकार विरोधी प्रदर्शन किया. इस दौरान विपक्षी विधायक हर्षा डी सिल्वा ने कहा- "हम श्रीलंका में लोकतंत्र की रक्षा करेंगे." विपक्षी सांसदों ने हाथों में तख्तियां लेकर कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर की ओर मार्च किया और नारे लगाए. तख्तियां पर लिखा था: "दमन रोको" और "घर जाओ." .
सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे छात्र
वहीं मध्य प्रांत में, पेराडेनिया विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्र देश की वर्तमान स्थिति के विरोध में सड़कों पर उतर आए. हालांकि पुलिस ने यूनिवर्सिटी के पास बैरिकेड्स लगा दिए. न्यूज 1 चैनल ने बताया कि विश्वविद्यालय के छात्र गलाहा जंक्शन की ओर बढ़े और पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने के उनके प्रयास से तनाव बढ़ गया.
छात्रों पर दागे गए आंसू गैस के गोले
दंगा पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया और इसके बाद आंसू गैस के गोले भी छोड़े. बताते चलें कि पश्चिमी प्रांत में, कर्फ्यू का उल्लंघन करने और सरकार विरोधी रैली करने की कोशिश के आरोप में कुल 664 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.