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स्पेनिश अखबार में भारत की तरक्की दिखाने के लिए बनाया ऐसा कार्टून, मचा हंगामा

भारतीय अर्थव्यवस्था की तरक्की को लेकर एक स्पेनिश न्यूजपेपर में छपे आर्टिकल पर विवाद हो गया है. बीजेपी सांसद समेत काफी संख्या में लोग सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं. आर्टिकल में एक बीन बजाते सपेरे का कार्टून बनाया गया है, जिसके जरिए भारत की आर्थिक ग्रोथ को दिखाया गया है.

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 भारत की दिखाई ऐसी छवि, मच गया हंगामा
भारत की दिखाई ऐसी छवि, मच गया हंगामा

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एक स्पेनिश अखबार में छपे आर्टिकल पर विवाद हो गया है. दरअसल, स्पेनिश वीकली न्यूजपेपर La Vanguardia ने भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था को लेकर फ्रंट पेज पर खबर छापी, जिसमें भारत की आर्थिक ग्रोथ को बीन बजाते हुए सपेरे के जरिए दर्शाया गया है. अखबार के पेज पर छपे सपेरे की टोकरी से एक सांप ग्राफ पर ऊपर बढ़ता हुआ दिखाया गया है, जिसका इस्तेमाल अर्थव्यवस्था की ग्रोथ को दिखाने के लिए किया गया है.

यह आर्टिकल 9 अक्टूबर को स्पेनिश अखबार में छापा गया था, जिसपर भाजपा सांसद समेत काफी संख्या में लोगों ने अपना विरोध जताया है. आर्टिकल की हैडलाइन में लिखा गया है, 'The hour of the Indian economy' यानी भारतीय अर्थव्यवस्था का वक्त.  

भाजपा सांसद ने जताया कड़ा विरोध

बेंगलुरु सेंट्रल से भाजपा सांसद ने ट्विटर पर अखबार के आर्टिकल की फोटो शेयर करते कहा है कि जहां भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था को वैश्विक पहचान मिल रही है, ऐसे समय में आजादी मिलने के दशकों बाद भी भारत की तस्वीर एक सपेरे के जरिए दिखाना मूर्खतापूर्ण है. बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि विदेशी सोच को बदलना काफी मुश्किल काम है.

Zerodha के सीईओ नितिन कामत ने भी स्पेनिश पब्लिकेशन को आड़े हाथ लिया. कामत ने ट्वीट करते हुए कहा कि यह अच्छी बात है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर दुनिया ध्यान दे रही है, लेकिन एक सपेरे के कार्टून के जरिए भारत को दर्शाना बेइज्जती है.

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रजत सेठी ने भी उठाए आर्टिकल पर सवाल

वहीं मशहूर ऑथर रजत सेठी ने भी इसपर सवाल खड़े किए. रजत ने कहा कि जहां पूरी दुनिया भारतीय अर्थव्यवस्था के कौशल पर ध्यान दे रही है, तो वहीं इनका भारतीय सपेरे का भेदभावी चित्रण जारी है.

वहीं सोशल मीडिया पर अन्य यूजर्स भी स्पेनिश अखबार के इस आर्टिकल से काफी नाराज नजर आए हैं. एक यूजर ने कहा कि, 'ये लोग कितने बेशर्म हैं, चाहे ये लोग जो भी दिखाने की कोशिश कर रहे हों, इनके व्यंग के बावजूद भारत आगे बढ़ेगा और समृद्ध होगा.'

वहीं एक अन्य यूजर ने कहा कि इससे कुछ नहीं फर्क पड़ता है. वो चाहें कुछ भी सोचें, हम लगातार आगे बढ़ते रहेंगे. वहीं एक दूसरे यूजर ने कहा कि यह कोलोनियल सोच है, जो भारत के लिए कभी नहीं बदल सकती है.

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