पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की इन दिनों जमकर फजीहत हो रही है. मिस्र में गाजा पीस समिट में शामिल हुए शहबाज ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दिल खोलकर तारीफ की. इसके बाद से उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है.
सोशल मीडिया पर लोग शहबाज शरीफ को यह कहकर ट्रोल कर रहे हैं कि उन्होंने गाजा पीस समिट को ट्रंप के चापलूसी समिट में तब्दील कर दिया.
इतिहासकार अम्मार अली जन ने पोस्ट कर कहा कि शहबाज शरीफ द्वारा डोनाल्ड ट्रंप की अनावश्यक चापलूसी दुनियाभर के पाकिस्तानियों के लिए शर्मिंदगी का कारण है.
एक सोशल मीडिया यूजर वसीम ने कहा कि पाकिस्तानी नेता इतने लुच्चे और चाटुकार क्यों हैं? बेशर्म आदमी शहबाज शरीफ... फिलिस्तीनी संघर्ष का इस्तेमाल तारीफें बटोरने के लिए कर रहे हैं.
स्तंभकार एसएल कंठन ने तीखा तंज कसते हुए कहा कि जब भी ट्रंप अपने जूतों को पहले जैसी चमकाना चाहते हैं, वे पाकिस्तान के अदने कद के प्रधानमंत्री को बुलाते हैं. जियो पॉलिटिक्स में इस तरह की शर्मिंदगी कभी नहीं देखी.
एक अन्य यूजर ने कहा कि तलवे चाटने में पाकिस्तानी पीएम की कोई बराबरी नहीं कर सकता. इस तरह के आदमी का प्रधानमंत्री होना शर्म की बात है.
सोशल मीडिया पर एक अन्य यूजर ने कहा कि मिस्र में जो शख्स बेशर्मी से डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ कर रहा था और ट्रंप को नोबेल पीस प्राइज का हकदार बता रहा था. वह पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व नहीं करता.
एक अन्य यूजर ने कहा कि अगर तलवे चाटने का कोई नोबेल हो तो शरीफ इसके हकदार होंगे. ट्रंप का तो नहीं पता लेकिन तलवे चाटने के लिए शहबाज से बड़ा दावेदार नहीं हो सकता.
बता दें कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ जब गाजा पीस समिट में हिस्सा लेने मिस्र के शर्म अल शहर गए तो उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जी भरकर तारीफ की.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रपति ट्रंप की तारीफ में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने ट्रंप को न सिर्फ शांति का प्रतीक, शांतिदूत और दूरदर्शी नेता बताया, बल्कि यह भी ऐलान किया कि वह उन्हें फिर से शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित करेंगे.