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सऊदी अरब के सैलरी पैकेज से दुनिया हैरान, दो महीने में कर्मचारी हो रहे करोड़पति, नहीं देना पड़ेगा कोई टैक्स

प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में सऊदी अरब अपने मेगाडेवलपमेंट प्रोजेक्ट नियोम ( Neom) के लिए सीनियर एक्जक्यूटिव पदों के कर्मचारी को अमेरिकी कंपनियों से भी अधिक वेतन पैकेज ऑफर कर रहा है. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2017 में की गई थी. इस परियोजना के लिए देश की सॉवरेन-वेल्थ फंड से अरबों डॉलर की धनराशि आवंटित की गई है.

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नियोम प्रोजेक्ट ( फोटोः एएफपी )
नियोम प्रोजेक्ट ( फोटोः एएफपी )

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की महत्वाकांक्षी योजना में से एक नियोम के लिए सऊदी अरब वरिष्ठ अधिकारियों (senior executives ) को औसतन 11 लाख डॉलर ( 9 करोड़ 5 लाख भारतीय रुपया से ज्यादा ) का भुगतान करने जा रहा है यानी कर्मचारी को हर महीने 75 लाख से ज्यादा रुपये वेतन के रूप में मिलेंगे. यह जानकारी नियोम के आंतरिक दस्तावेज से पता चली है. यह बड़ा वेतन पैकेज यह दिखाता है कि सऊदी अरब मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में दुनिया भर की प्रतिभाओं को लुभाने की कोशिश कर रहा है. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2017 में की गई थी.

विदेशी कंपनियों को आकर्षित करना मकसद 
नियोम मेगाडेवलपमेंट प्रोजेक्ट को सऊदी अरब की सबसे महत्वाकांक्षी योजना में से एक माना जा रहा है. इस योजना के तहत प्रिंस सलमान का मकसद सामाजिक और आर्थिक सुधारों के तहत रियल-स्टेट की एक दर्जन से अधिक नई कंपनियों को सऊदी अरब में स्थापित करना है. इसलिए सऊदी अरब विदेशी अधिकारियों की भर्ती कर रहा है, ताकि देश में पर्यटन, प्रौद्योगिकी और मनोरंजन क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा सके. 

दुनिया के नजरों में उदार छवि बनाने की कोशिश
सऊदी अरब दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश है. लेकिन रूढ़िवादी परंपरा के कारण दुनिया की नजरों में अच्छी छवि नहीं है. प्रिंस मोहम्मद सलमान का मकसद देश की अर्थव्यवस्था में विविधता लाना है, इसलिए इस योजना के तहत महिलाओं की आजादी को लेकर भी कई तरह के प्रतिबंध हटाए गए हैं. सऊदी की यात्रा को भी आसान बना दिया गया है. 

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इतनी सैलरी अमेरिका में भी नहीं
नियोम द्वारा c-suite level executives पदों के लिए ऑफर किए जा रहे सैलरी पैकेज अमेरिकी कंपनियों से भी ज्यादा है. एक डाटा के अनुसार, अमेरिका की तीन हजार से ज्यादा लिस्टेड कंपनी में इसी पद के लिए औसतन सिर्फ $830,000 (6 करोड़ 82 लाख से ज्यादा भारतीय रुपया) सैलरी दी जाती है. नियोम की जितना बेसिक सैलरी पैकेज (टैक्स फ्री ) है, अमेरिकी कंपनियों के कर्मचारियों को बोनस के बाद उतनी रकम मिलती है. जबकि नियोम भी अपने कर्मचारियों को सभी तरह का वेतन भत्ता और बोनस देता है. इसे देखा जाए तो नियोम कंपनी की सैलरी बहुत ज्यादा है.

टैक्स फ्री आकर्षण का मुख्य कारण 
आमतौर पर जब भी कोई कंपनी अपने कर्मचारी को सैलरी पैकेज ऑफर करती है, तो वह रकम सीटीसी (कॉस्ट टू कंपनी ) के तौर पर होती है. सीटीसी में कर्मचारी की एक साल की पूरी सैलरी शामिल होती है. इसमें कभी भी कर्मचारी को पूरी राशि नहीं मिलती है. देश में निर्धारित आयकर काट कर कर्मचारी को वेतन दिया जाता है. लेकिन नियोम कंपनी के कर्मचारियों को कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. यानी कर्मचारी अपनी पूरी तनख्वाह घर ले जा सकते हैं. 

2017 में की गई घोषणा 
नियोम प्रोजेक्ट की घोषणा प्रिंस मोहम्मद ने 2017 में की थी. इस प्रोजेक्ट के लिए देश की सॉवरेन-वेल्थ फंड से अरबों डॉलर की धनराशि आवंटित की गई है. यह परियोजना सऊदी अरब के उत्तर-पश्चिम में बनाई जा रही है. परियोजना से जुड़े कर्मचारियों का कहना है कि कर्मचारी अस्थायी शिविरों में रहते हैं. ऐसा माना जा रहा है कि इस परियोजना के तहत नियोम एक भव्य द्वीप रिजॉर्ट के रूप में तैयार होगा. इस रिजॉर्ट में शैम्पेन और शराब की भी व्यवस्था रहेगी. आपको बता दें कि सऊदी अरब में शराब बैन है. 

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