तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक प्लस के तेल उत्पादन में कटौती के फैसले के बाद से ही अमेरिका और सऊदी अरब के रिश्तों में दरार आ गई है. अमेरिका का कहना है कि ओपेक प्लस के इस फैसले से यूक्रेन में तबाही मचा रहे रूस को फायदा पहुंचेगा. हालांकि, ओपेक प्लस में दबदबा रखने वाले सऊदी अरब अपनी ओर से सफाई भी पेश कर चुका है. इसी बीच सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के कजिन सऊद अल शालान ने अमेरिका का बिना नाम लिए पश्चिमी देशों को धमकी दी है.
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) के चचेरे भाई प्रिंस सऊद अल शालान की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में प्रिंस सऊद पश्चिमी देशों को कहते नजर आ रहे हैं, 'जो कोई भी सऊदी किंगडम के अस्तित्व को चुनौती देगा, हम सभी जिहाद और शहादत के लिए बने हैं. यह उन सभी के लिए हैं, जो सोचते हैं कि वो हमें धमका सकते हैं.'
सऊदी मानव अधिकारों की वकील अब्दुल्लाह के अनुसार, पश्चिमी देशों को जिहाद की चुनौती देने वाले सऊद अल शालान सऊदी अरब के फाउंडर किंग अब्दुलअजीज के पोते हैं. सऊद अल शालान का यह बयान उस समय आया है, जब अमेरिका लगातार सऊदी अरब के तेल उत्पादन घटाने के फैसले को लेकर तीखी टिप्पणी कर रहा है.
Because I know they will delete it
Here it is again: pic.twitter.com/L4awAOcRRk— د. عبدالله العودة (@aalodah) October 15, 2022
अमेरिका ने जो सोचा वो सऊदी अरब ने नहीं किया
दरअसल, ओपेक प्लस ने तेल उत्पादन में कटौती का जो फैसला किया, अमेरिका उससे नाराज है. तेल उत्पादन बढ़ाने को लेकर अमेरिका लगातार सऊदी अरब से बातचीत कर रहा था. अमेरिका को डर था कि जो दौर विश्व में चल रहा है, अगर तेल उत्पादन में कटौती की गई तो कच्चे तेल की कीमतें आसमान छूने लगेंगी.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन साल 2022 में सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले को किनारे करते हुए सऊदी अरब यात्रा पर पहुंचे थे. जहां क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने उनकी मेजबानी की थी. मोहम्मद बिन सलमान के दामन पर ही जमाल खशोगी की हत्या का आरोप लगा है.
सऊदी अरब की यात्रा के बाद से जो बाइडन को पूरी उम्मीद थी कि ओपेक प्लस में अहम हिस्सेदारी रखने वाला सऊदी अरब तेल के उत्पादन में कटौती का फैसला नहीं लेने देगा. लेकिन बाइडन की सोच से बिल्कुल उलट ओपेक प्लस ने प्रतिदिन 20 लाख बैरल तेल उत्पादन को घटा देने का फैसला कर लिया.
ओपेक प्लस के फैसले के बाद से ही अमेरिका सऊदी अरब से बुरी तरह से नाराज हो गया. अमेरिका ने यहां तक कह दिया कि इस फैसले के परिणाम होंगे. इसके साथ ही सऊदी अरब पर आरोप भी लगाया गया कि रूस को फायदा पहुंचाने के लिए यह फैसला किया गया है. कई अमेरिकी सांसदों ने सऊदी अरब को हथियार सप्लाई बंद करने की सलाह भी दी.
हालांकि, सऊदी अरब ने अमेरिका के सख्त बयानों के बाद सफाई भी पेश की. सऊदी अरब ने इन सभी आरोपों को पूरी तरह नकार दिया. साथ ही सऊदी अरब ने कहा कि ओपेक प्लस का यह फैसला पूरी तरह से आर्थिक था. सऊदी ने कहा कि अगर यह फैसला नहीं लिया जाता तो आने वाले समय में इसका नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता.