रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है. इस युद्ध की परिणीति क्या होगी ये भविष्य के गर्भ में है. इस बीच रूस ने फॉस्फोरस बम लॉन्च किया है और मारियुपोल पर रातों-रात लगभग 50 हवाई हमले किए हैं. इस हमले का यूक्रेन पर व्यापक असर पड़ेगा. यूक्रेन के अजोव रेजीमेंट के डिप्टी कमांडर शिवतोस्लाव पालमार ने शहर को खाली करने के लिए निर्णायक कदम उठाने का आह्वान किया है. उनका कहना है कि रूस इस युद्ध में वह सब कुछ इस्तेमाल कर रहा है जो एक बर्बर मानवता के खिलाफ है.
उधर, गुरुवार को यूक्रेन के समर्थन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की टिप्पणी आ सकती है. व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन गुरुवार सुबह यूक्रेन के समर्थन में कोई घोषणा कर सकते हैं. व्हाइट हाउस ने कहा, 'राष्ट्रपति अपने देश की रक्षा करने वाले यूक्रेन के लोगों के समर्थन और युद्ध में रूस के क्रूर हमले के खिलाफ कोई घोषणा कर सकते हैं.
हालांकि, इस युद्ध में यूक्रेन भी पीछे हटने वाला नहीं है और वह रूस के हमलों का मुंहतोड़ जवाब दे रहा है. रूसी सेना द्वारा चारों तरफ तबाही मचाने के बावजूद यूक्रेन की सेना के हौसले पस्त नहीं हुए है. हालांकि, खतरा इस बात का है कि रूस यूक्रेन के खिलाफ खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है. यूक्रेन बीच में कई ऐसे दावे करता रहता है कि उसने रूस के विमान को मार गिराया है या कभी टैंक तबाह कर दिए हैं. यूक्रेन को अमेरिका और बाकी देशों का भी साथ मिल रहा है. इस वास्ते भी यूक्रेन के हौंसले थोड़े बुलंद हैं.
रूस की नजर में कई और देश
रूस और यूक्रेन की जंग में यूक्रेन की खुलकर मदद करने वालों की रूस पहचान कर रहा है. रूस का कहना ना मानना यूरोप के कुछ देशों को महंगा पड़ता दिखाई दे रहा है. रूस ने बेहद सख्त कदम उठाते हुए पोलैंड और बुल्गारिया की गैस-तेल सप्लाई रोक दी है. बता दें कि रूस के यूक्रेन पर हमला करने बाद पोलैंड शुरू से ही यूक्रेन का खुलकर समर्थन कर रहा है. पोलैंड ने जंग लड़ने के लिए यूक्रेन को कई हथियार भी दिए हैं. पोलैंड की सरकार ने इस सप्ताह कहा था कि वह यूक्रेन की सेना को टैंक भेज रही है.
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