प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन अफ्रीकी देशों के दौरे के पहले चरण पर रवांडा पहुंच गए हैं. राजधानी किगाली में रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कैगम ने मोदी का स्वागत किया.
प्रधानमंत्री का यह दौरा पांच दिवसीय होगा. इस दौरे के दौरान भारत ब्रिक्स के तहत पहले महाद्वीप में द्विपक्षीय और उसके बाद बहुपक्षीय संवाद स्थापित करेगा.
Kigali: PM Narendra Modi arrives in Rwanda. He has been received by President of Rwanda Paul Kagame. The PM is on a 5-day visit to Rwanda, Uganda and South Africa. pic.twitter.com/X6SPUZUuFg— ANI (@ANI) July 23, 2018
मोदी की अफ्रीकी देशों की यात्रा पर विदेश मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा, "रवांडा, युगांडा और दक्षिण अफ्रीका के दौरे से अफ्रीका महाद्वीप के साथ हमारा संबंध और मजबूत होगा."
Delhi: Prime Minister Narendra Modi leaves for a 5-day visit to Rwanda, Uganda and South Africa. pic.twitter.com/3gNfvC1tQh
— ANI (@ANI) July 23, 2018
पिछले कुछ वर्षो में अफ्रीकी देशों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण अनुबंध हुआ है. पिछले चार साल में हमारे देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री अफ्रीका के 23 दौरे कर चुके हैं. मंत्रालय ने बयान में कहा, "भारत की विदेश नीति में अफ्रीका को शीर्ष प्राथमिकता दी गई है."
रवांडा और युगांडा के दौरे के दौरान रक्षा और कृषि क्षेत्र में सहयोग मोदी की प्राथमिकता होगी. इसके बाद वह ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के सालाना शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने दक्षिण अफ्रीका जाएंगे. मोदी का अफ्रीका का यह दूसरा दौरा होगा, इससे पहले वह 2016 में मोजाम्बिक, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया और केन्या के दौरे पर गए थे.
प्रधानमंत्री 23 जुलाई को रवांडा पहुंच रहे हैं. पहली बार भारत के किसी प्रधानमंत्री का यह रवांडा का दौरा है. भारत ने रवांडा के साथ अपने रिश्तों को मजबूत किया है, इसे पूर्वी अफ्रीका के प्रवेश-द्वार के रूप में देखा जा रहा है और इसी के मद्देनजर पिछले साल जनवरी में भारत ने रवांडा के साथ रणनीतिक साझेदारी की.
प्रधानमंत्री के इस दौरे की जानकारी मीडिया को देते हुए विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक संबंध) टी. एस. तिरुमूर्ति ने कहा, "भारत बहुत जल्द रवांडा में अपना पहला मिशन शुरू करेगा, रवांडा के लिए भारत के वर्तमान उच्चायुक्त का आवास युगांडा के कंपाला में है." भारत ने रवांडा को 40 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया है और वहां भारत की ओर से प्रशिक्षण छात्रवृति कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.
मोदी के इस दौरे के दौरान दो करार पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है जिसमें एक औद्योगिक पार्क के लिए 10 करोड़ डॉलर और इतनी ही राशि कृषि और सिंचाई परियोजना के लिए प्रदान की जाएगी. तिरुमूर्ति ने कहा, "हम रक्षा, डेयरी सहयोग, चमड़ा, कृषि और संस्कृति के क्षेत्र में भी अनुबंध होने की उम्मीद करते हैं."
रवांडा में मोदी रवेरु मॉडल गांव का दौरा करेंगे और राष्ट्रपति कागामे के निरीक्षण में चलने वाले कार्यक्रम में हिस्सेदारी के तौर पर 200 गायों का उपहार प्रदान करेंगे. वहां सरकार की ओर से निर्धनतम परिवारों को डेयरी के लिए गाएं दी जाती है और भाईचारा बढ़ाने के लिए गाय की पहली बछिया लोग अपने पड़ोसी को उपहार के रूप में देते हैं.
रवांडा से मोदी 24 जुलाई को युगांडा पहुंचेंगे, जो पिछले 21 साल में भारतीय प्रधानमंत्री का पहला द्विपक्षीय दौरा होगा. तिरुमूर्ति ने बताया कि भारत और युगांडा के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर ध्यान दिया जाएगा, वहां जिंजा में 2010 से भारतीय सेना का प्रशिक्षण दल तैनात है.
युगांडा के राष्ट्रपति योवेई मुसेवेनी से मुलाकात और प्रतिनिधि स्तरीय वार्ता के बाद मोदी भारत और युगांडा के संयुक्त व्यापार कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. भारत के प्रधानमंत्री पहली बार युगांडा की संसद को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री युगांडा में भारतीय समुदाय के सदस्यों को भी संबोधित करेंगे.
तिरुमूर्ति ने कहा, "हमें उम्मीद है कि युगांडा को बिजली लाइन और सब-स्टेशन के लिए 14.1 करोड़ डॉलर और कृषि व डेयरी उत्पादन के लिए 6.4 करोड़ डॉलर प्रदान किए जाएंगे." मोदी अपने दौरे के आखिर में 25 जुलाई को युगांडा से दक्षिण अफ्रीका पहुंचेंगे.
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अलावा, मोदी फरवरी में दक्षिण अफ्रीका की सत्ता संभालने वाले राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स नेताओं का 10वां शिखर सम्मेलन हो रहा है, जिसका विषय 'चतुर्थ औद्योगिक क्रांति में समावेशी विकास और साझी समृद्धि के लिए विकासशील देशों का सहयोग' रखा गया है.
ब्रिक्स सम्मेलन में अफ्रीकी देशों के आमंत्रित समूह में रवांडा, युगांडा, टोगो, जांबिया, नामीबिया, सेनेगल, गैबन, इथोपिया, अंगोला और अफ्रीकन यूनियन चेयर शामिल हैं, अन्य आमंत्रित देशों में अर्जेटीना, तुर्की, इंडोनेशिया, जमैका और मिस्र शामिल हैं. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर मोदी वहां चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात करेंगे. यह दोनों नेताओं के बीच एक साल के भीतर तीसरी मुलाकात होगी.