
बाढ़ और तूफानग्रस्त श्रीलंका को राहत सामग्री भेज रहे पाकिस्तान ने फिर से नीच हरकत कर दी है. पाकिस्तान श्रीलंका को वैसी राहत सामग्री भेज रहा है जो एक्सपायर हो चुका है. पाकिस्तान इन राहत सामग्री की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्टकर वाह-वाही बटोरने की कोशिश कर रहा है. लेकिन उसकी खोट नियत का इन तस्वीरों से ही पता चल रहा है.
श्रीलंका में पाकिस्तान के उच्चायोग ने श्रीलंका को सप्लाई की गई राहत सामग्री की तस्वीरें पोस्ट करते हुए एक्स पर लिखा, "पाकिस्तान श्रीलंका के साथ हमेशा से खड़ा रहा है.
श्रीलंका में हाल ही में आई बाढ़ से प्रभावित हमारे भाइयों और बहनों की मदद के लिए पाकिस्तान से राहत पैकेज सफलतापूर्वक पहुंचा दिए गए हैं, जो हमारी पक्की एकता को दिखाता है. पाकिस्तान आज और हमेशा श्रीलंका के साथ खड़ा है.

इसके बाद पाकिस्तानी उच्चायोग ने राहत सामग्रियों की तस्वीरें पोस्ट की हैं. लेकिन इस तस्वीरों को ध्यान से देखने पर पाकिस्तान का घपला समझ में आता है. पीले पैकेट में पैक ये राहत सामग्री अगस्त 2022 में बने हैं. इन्हें इस्तेमाल करने की मियाद 2 वर्षों तक है. इस तरह से अगस्त 2022 में बने इन प्रोडक्ट का इस्तेमाल अगस्त 2024 तक ही किया जा सकता था. लेकिन अभी अगस्त 2024 को गुजरे एक साल से भी ज्यादा समय गुजर चुके हैं. दरअसल बाढ़ पीड़ितों को मदद के नाम पर पाकिस्तान खराब हो चुके माल को श्रीलंका में भेज रहा है. सोशल मीडिया में पाकिस्तानी उच्चायोग का ये पोस्ट वायरल होने के बाद इसे डिलीट कर दिया गया है.
🚨 Pakistan Supplying Expired Food
— INDIAN (@hindus47) December 2, 2025
A Country That Cannot Afford to Feed its Own People is supplying Food That Expired 1 Year and 1 Month ago as relief Material to Sri Lanka Floods https://t.co/P7tqssZ6rc pic.twitter.com/0ybRyUDupW
श्रीलंका में विनाशकारी बाढ़ और तूफान का कहर
28 नवंबर 2025 को श्रीलंका में चक्रवात दित्वाह ने यहां के जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. ये इस दशक का सबसे भयानक बाढ़ और भूस्खलन है. तेज हवाओं और भारी वर्षा से पूरे देश में जलप्रलय आ गया, जिससे 25 जिलों में 10 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए. इस आपदा में अबतक 355 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 366 लोग लापता हैं.
कोलंबो के बाहरी इलाकों, गंपाहा, बडुल्ला और माह ओया जैसे क्षेत्र सबसे ज्यादा तबाह हुए, जहां घर, सड़कें और फसलें पानी में डूब गईं हैं
राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने इसे देश के इतिहास का 'सबसे बड़ा और चुनौतीपूर्ण प्राकृतिक आपदा' बताते हुए राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया है. 1.48 लाख लोगों को अस्थायी आश्रयों में स्थानांतरित किया गया, जबकि आधे मिलियन से ज्यादा बेघर हो चुके हैं. सेना हेलिकॉप्टर से मदद पहुंचा रही है.
भारत से एयरस्पेस मांगने में भी पाकिस्तान ने किया ड्रामा
श्रीलंका को राहत सामग्री भेजने के लिए जब पाकिस्तान ने भारत के एयरस्पेस को इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी तो यहां भी पाकिस्तान ने प्रोपगैंडा किया. पाकिस्तान ने 1 दिसंबर को दोपहर एक बजे भारत के सामने एयरस्पेस इस्तेमाल करने का निवेदन दिया. इसके बाद तुरंत पाकिस्तान की मीडिया ने रिपोर्ट चला दी कि भारत ने मानवीय सहायता भेजने के लिए भी एयरस्पेस नहीं दिया. बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान एक दूसरे का एयरस्पेस प्रयोग नहीं कर रहे हैं.
लेकिन पाकिस्तान का प्रोपगैंडा झूठा था. भारतीय अधिकारियों ने लगभग 4 घंटे बाद ही पाकिस्तानी अधिकारियों को एयरस्पेस इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी थी. और पाकिस्तान का प्रचार मिथ्या था.