पाकिस्तान के सूचना मंत्री अट्टा तरार ने सोमवार को कहा कि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के सैन्य मुकदमे के बारे में कोई भी फैसला केस की मेरिट को देखते हुए किया जाएगा. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने यह बात कही. एक दिन पहले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने इस्लामाबाद में एक सार्वजनिक रैली की थी जिसमें सरकार से इमरान खान को रिहा करने की मांग की गई थी. इमरान एक साल से अधिक समय से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं.
'सबूतों के आधार पर होगा फैसला'
एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा, 'इमरान खान के सैन्य मुकदमे का फैसला सबूतों के आधार पर और मेरिट के आधार पर किया जाएगा.' वह 9 मई, 2023 की हिंसा में कथित संलिप्तता के लिए इमरान खान पर चल रहे सैन्य मुकदमा के बारे में बात कर रहे थे, जब पीटीआई कार्यकर्ताओं और इमरान समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी के विरोध में सैन्य भवनों पर हमला कर दिया था.
इमरान की रिहाई की मांग
हालांकि, नागरिकों पर सैन्य मुकदमा चलाने का मुद्दा अंतिम निर्णय के लिए पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और सौ से अधिक नागरिकों के मामले भी लंबित हैं, जिन्हें हिंसा के बाद सैन्य अधिकारियों को सौंप दिया गया था. 8 फरवरी के चुनाव के बाद इस्लामाबाद में पहली रैली में पीटीआई नेताओं ने सरकार से इमरान खान को रिहा करने के लिए कहा.
पाक सरकार को दी गई चेतावनी
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने एक कदम आगे बढ़कर सरकार को चेतावनी दी कि वह इमरान खान को दो हफ्ते के भीतर रिहा कर दें अन्यथा पार्टी उन्हें जबरन रिहा करवा लेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा, 'अगर पीटीआई के संस्थापक को एक से दो हफ्ते के भीतर कानूनी तरीके से रिहा नहीं किया जाता है, तो हम उन्हें खुद ही रिहा करवा लेंगे.' उन्होंने घोषणा की है कि वह आगे बढ़ेंगे और इमरान को जेल से बाहर निकालने के लिए पहली गोली खाएंगे.
पुलिस ने भीड़ को किया तितर-बितर
इमरान की पार्टी ने रविवार को एक शक्ति प्रदर्शन किया, जिसमें उनकी तत्काल रिहाई की मांग की गई और पार्टी पर कार्रवाई के लिए सरकार की आलोचना की गई. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े.