पहले से ही भारी भरकम कर्ज में डूबे पाकिस्तान ने एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) के साथ 350 मिलियन अमेरिकी डॉलर के लोन समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. यह समझौता महिलाओं की वित्तीय भागीदारी और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए किया गया है. 'वुमन इन्क्लूसिव फाइनेंस (WIF)' सेक्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत यह करार मंगलवार को हुआ.
समझौते पर पाकिस्तान की आर्थिक मामलों की डिवीजन की अतिरिक्त सचिव सबीना कुरैशी और ADB के प्रोजेक्ट एडमिनिस्ट्रेशन यूनिट के प्रमुख दिनेश राज शिवाकोटी ने हस्ताक्षर किए. रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को वित्तीय सेवाओं तक बेहतर पहुंच देना, व्यापार के अवसर बढ़ाना और रोजगार के नए रास्ते खोलना है.
चार प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस
इस कार्यक्रम के तहत WIF का सब-प्रोग्राम II चार प्रमुख सुधार क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है:
- महिलाओं की वित्तीय भागीदारी के लिए अनुकूल नीतिगत और विनियामक वातावरण तैयार करना
- महिलाओं के लिए वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता बढ़ाना
- महिला उद्यमिता को सशक्त बनाना
- वित्तीय क्षेत्र में समावेशी और समान कार्यस्थल को बढ़ावा देना
सरकार की ओर से इसे महिलाओं को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का सक्रिय हिस्सा बनाने की प्रतिबद्धता बताया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि एक अधिक समावेशी, न्यायसंगत और समृद्ध भविष्य की ओर भी मार्ग प्रशस्त करेगी.
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति
गौरतलब है कि 9 जून को जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में पाकिस्तान का कुल कर्ज बढ़कर 76,000 अरब पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गया है. ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि चालू वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था केवल 2.7 प्रतिशत की दर से ही वृद्धि कर पाएगी.
पाकिस्तान ने पिछले साल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ 7 अरब डॉलर के एक्सटर्नल फंड फैसिलिटी (EFF) लोन कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किया था. अब तक उसे दो किश्तें मिल चुकी हैं, जिनमें से दूसरी मई में प्राप्त हुई थी. इसके अलावा, पाकिस्तान आने वाले कुछ दिनों में चीनी बैंकों से दो विदेशी लोन के जरिए 3.3 अरब डॉलर प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है. इसमें एक सिंडिकेटेड लोन और दूसरा कमर्शियल लोन का पुनर्वित्तपोषण शामिल है.