मशहूर भारतीय तबला वादक अल्ला रक्खा की बेटी इस वक्त पाकिस्तान में जिंदगी की दुश्वारियों से जूझ रही है. आठ साल पहले इकलौते बेटे की हत्या के बाद से तन्हाई में जीने को मजबूर रूही बानो अब मानसिक दिक्कतों का भी सामना कर रही हैं.
रूही बानो लाहौर के गुलबर्ग इलाके में रहती हैं. वह तबला वादक जाकिर हुसैन की सौतेली बहन भी हैं. पिछले दिनों उनके घर में चोरों ने कुछ कीमती सामान और दस लाख रुपये लूट लिए थे.
1970 और 1980 के दशक में उन्होंने टीवी सीरियलों में अभिनय भी किया था. 2005 में उनके इकलौते बेटे की 20 साल की उम्र में संदिग्ध हालात में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.
इसके बाद रूही अवसाद में चली गईं और इस वक्त वह शारीरिक और मानसिक समस्याओं से जूझ रही हैं. उनके घर के बाहर कूड़ा करकट और पुराना फर्नीचर फैला पड़ा है और घर में गैस जैसी मामूली सुविधा तक नहीं है. घर का फर्नीचर भी टूटा पड़ा है. सिर्फ एक चीज है जो उनके घर में ठीक काम कर रही है, वह है टेलीविजन.
'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, बानो की मानसिक हालत बिगड़ रही है और वह साफ तरीके से बोल भी नहीं पा रही है. हैरान, परेशान सी दिख रही बानो ने अखबार को बताया, 'मैं सारा दिन बैठी रहती हूं और टेलीविजन देखती हूं. किसी दिन उठकर घर साफ करूंगी.'
लाहौर के कलाकारों की अपील पर कार्रवाई करते हुए सरकार ने उन्हें आर्थिक मदद देने की बात कही थी. सबसे पहले स्क्रिप्ट राइटर सूरज बाबा ने बानो की हालत की ओर अधिकारियों का ध्यान खींचा था.
उन्होंने कहा, 'मेरी सरकार से अपील है कि कम से कम उन्हें एक नौकरानी और एक सुरक्षा गार्ड ही मुहैया करा दे जो उनकी देखभाल कर सके.' सूरज अब अपने टीवी समुदाय के लोगों को जुटाकर बानो के लिए पैसा इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे हैं.
दिवंगत अल्ला रक्खा की बेटी और फैसलाबाद से ताल्लुक रखने वाली बानो पाकिस्तानी टेलीविजन के सुनहरे दिनों की गवाह रही हैं. उन्होंने 'दरवाजा', 'किरण कहानी' और 'जर्द गुलाब' जैसे लोकप्रिय सीरियल में काम किया था. इसके लिए उन्हें प्रतिष्ठित 'प्राइड आफ परफॉर्मेंस' समेत कई पुरस्कार मिल चुके हैं.
बानो का हाल ही में लाहौर के फाउंटेन हाउस में मानसिक बीमारी के लिए इलाज हुआ था और डॉक्टरों का कहना था कि उनकी हालत में काफी सुधार हुआ है.