पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच फिलहाल 48 घंटे का सीजफायर लागू है, लेकिन पाकिस्तान को तालिबान का डर सता रहा है कि 48 घंटे का युद्धविराम खत्म होने के बाद क्या होगा? इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान के साथ बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन यह बातचीत सिर्फ वैध और आपसी सम्मान की शर्तों पर होगी.
शरीफ ने ये बयान केंद्रीय कैबिनेट को संबोधित करते हुए दिया, जहां उन्होंने अफगानिस्तान के साथ मौजूदा तनाव पर बात की. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के अनुरोध पर पाकिस्तान 48 घंटे के सीजफायर पर सहमत हुआ और अब बॉल अफगानिस्तान के कोर्ट में है. अब अफगानिस्तान को फैसला लेना है कि क्या उसे शांति चाहिए या नहीं. पाकिस्तान बातचीत की टेबल पर यह मुद्दा सुलझाने के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा कि हम वैध शर्तों पर अफगानिस्तान के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं. बता दें कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच अस्थाई सीजफायर पर सहमति बनी है. दोनों देशों ने दावा किया है कि यह सीजफायर सामने वाले देश के अनुरोध पर किया गया.
इससे पहले खबर थी कि अफगानिस्तान से जंग के बीच पाकिस्तान ने कतर और सऊदी अरब से तत्काल मध्यस्थता करने का अनुरोध किया. पाकिस्तानी अधिकारियों ने इन देशों से गुहार लगाते हुए कहा था कि खुदा के लिए, अफगानों को लड़ने से रोकें.
बता दें कि पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के कैंपों पर निशाना लगाया. 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान में सत्ता में आने के बाद से यह दोनों मुल्कों के बीच इस तरह की सबसे भयावह झड़प थी. यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ, जब तालिबान के विदेश मंत्री भारत के दौरे पर हैं.
पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच आठ अक्टूबर को संघर्ष शुरू हुआ था. यह संघर्ष पिछले हफ्ते शुरू हुआ जब पाकिस्तान ने काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के ठिकानों पर हमला किया. पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग (ISPR) ने कहा था कि सुरक्षा बलों ने बलूचिस्तान बॉर्डर पर अफगान तालिबान के हमले को नाकाम कर दिया.