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अगर इमरान खान को किया गिरफ्तार तो हो जाएंगे श्रीलंका जैसे हालात, पाक के पूर्व गृह मंत्री की चेतावनी

पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि अगर इमरान खान को गिरफ्तार किया जाता है तो देश राजनीतिक संकट में फंस जाएगा और श्रीलंका जैसी स्थिति का गवाह बनेगा. 

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फाइल फोटो
फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रशीद अहमद की शहबाज शरीफ को चेतावनी
  • इमरान खान को गिरफ्तार न करे सरकार

पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री और अवामी मुस्लिम लीग (एएमएल) के अध्यक्ष शेख रशीद अहमद ने रविवार को चेतावनी दी कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान को गिरफ्तार किया गया तो पाकिस्तान श्रीलंका में बदल जाएगा.
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, अहमद ने कहा कि पीटीआई ने स्थिति से निपटने के लिए पहले ही रणनीति तैयार कर ली है, लेकिन अगर इमरान खान को गिरफ्तार किया जाता है तो देश राजनीतिक संकट में फंस जाएगा और श्रीलंका जैसी स्थिति का गवाह बनेगा. 

नवाज शरीफ को वापस बुलाया जाए

वर्तमान में, श्रीलंका आजादी के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसमें भोजन और ईंधन की कमी, बढ़ती कीमतों और बड़ी संख्या में नागरिकों को प्रभावित करने वाली बिजली कटौती शामिल है. फैसलाबाद के सेरेना होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि मौजूदा गठबंधन सरकार (शहबाज शरीफ सरकार) दिशाहीन हो गई है और स्थिति को संभालने में असमर्थ है. उन्होंने कहा, "सरकार को नवाज शरीफ को अभी वापस बुलाना चाहिए." 

रशीद ने की इमरान खान की तारीफ

पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) पर तंज कसते हुए अहमद ने कहा, अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से पीटीआई के नेतृत्व वाली सरकार को सफलतापूर्वक गिराने वाले दलों के गठबंधन, सत्ता से हटाए जाने के बाद भी इमरान खान देश के नायक बन गए थे. उन्होंने कहा, "11 दलों की राजनीति मर चुकी है और वोट को सम्मान देने का समय खत्म हो गया है क्योंकि वोट 25 करोड़ रुपए में बेचे गए थे." जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व मंत्री ने पीटीआई से अलग होने के लिए मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) की आलोचना की. 

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टेक्नोक्रेट PM की मांग कर चुके हैं अहमद

फैसलाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अवामी मुस्लिम लीग के अध्यक्ष ने कहा था, "शाहबाज शरीफ, आपको राष्ट्र को संबोधित करना चाहिए और घोषणा करनी चाहिए कि आप अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में जाने वाले हैं या नहीं." उन्होंने आगे कहा था कि देश में एक महीने के भीतर 6 अरब अमेरिकी डॉलर की कमी हो गई है. राज्य संस्थानों को सभी हितधारकों को साथ लेकर चलना चाहिए, एक राष्ट्रीय सरकार बनानी चाहिए. एक टेक्नोक्रेट प्रधानमंत्री नियुक्त करना चाहिए और सितंबर तक चुनाव कराना चाहिए.

 

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