राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शनिवार को चीन के दक्षिण पश्चिम सिचुआन प्रांत में सीमा मसले पर बातचीत की. डोभाल और वांग दोनों भारत-चीन सीमा वार्ता के लिए विशेष प्रतिनिधि (Special Representatives) हैं. भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों के बीच यह 21वें राउंड की वार्ता थी.
इस वर्ष की शुरुआत में चीनी स्टेट काउंसलर यांग जिची का स्थान लेने के बाद वांग की यह पहली वार्ता है. वांग चीन के विदेश मंत्री के साथ ही स्टेट काउंसलर भी हैं. अधिकारियों ने बताया कि सीमा विवाद के अलावा दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने दुजियांगयान शहर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई वुहान शिखर वार्ता के बाद द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति पर भी चर्चा की गई.
‘Meeting of SRs’
21st round of talks between Special Representatives of India and China on the Boundary question began this morning at Dujiangyan, Chengdu. National Security Advisor Shri Ajit Doval and Chinese State Councilor and Foreign Minister Wang Yi hold the discussions. pic.twitter.com/zsZ7dOoezl
— India in China (@EOIBeijing) November 24, 2018Advertisement
बता दें कि पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अप्रैल में वुहान शिखर वार्ता हुई थी. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच सीमा विवाद हल करने समेत कई मुद्दों पर सहमति बनी थी. इससे पहले 21 नवम्बर को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने वार्ता की घोषणा करते हुए कहा था, ‘हमने मतभेदों को बातचीत और सलाह के जरिए ठीक ढंग से संभाल लिया है. अब सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिरता कायम है.’
इस वार्ता से पहले सीमा विवाद के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच 20 बार वार्ता हो चुकी है. दोनों देशों के बीच की 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर विवाद है. चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का एक हिस्सा बताता है, जबकि हकीकत में यह भारत का भूभाग है.
इससे पहले सीमा वार्ता नई दिल्ली में डोभाल और यांग के बीच हुई थी. यह वार्ता डोकलाम पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच 73 दिन तक चली तनातनी के मद्देनजर हई थी. इसका समापन तब हुआ, जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (चीनी सेना) ने वहां सड़क बनाने की अपनी योजना बंद की.