scorecardresearch
 

इजराइल के बाद अब फिलीस्तीन से भी दोस्ती बढ़ाएंगे PM मोदी

नरेंद्र मोदी युग में भारत अपनी विदेश नीति में बेहद तेजी से नए आयाम कायम करता जा रहा है. इजराइल के बाद अब देश फीलिस्तीन, अन्य खाड़ी के देशों के साथ संबंध और बेहतर करने की कोशिश में जुटा है.

Advertisement
X
नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

इजराइल के साथ दोस्ती को नई ऊंचाई देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब खाड़ी के मुस्लिम देशों के साथ संबंधों को नया आयाम देने में जुट गए हैं. इस सिलसिले में अगले महीने में मोदी खाड़ी के 3 देशों का दौरा करने वाले हैं.

मोदी इस समय स्विट्जरलैंड के दावोस शहर में हैं और वहां से आने के बाद वह भारत में गणतंत्र दिवस के दौरान राजधानी दिल्ली में आसियान सम्मेलन में व्यस्त रहेंगे. लेकिन इसके कुछ दिन बाद वह पश्चिमी एशियाई देशों यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई), ओमान और फीलिस्तीन देशों के दौरे पर जाएंगे. यह दौरा फरवरी के दूसरे हफ्ते में होगा.

इन 3 देशों की यात्रा में सबसे खास यात्रा फीलिस्तीन की है जहां वह 10 फरवरी को पहुंचेंगे. इजराइली प्रधानमंत्री बैंजामिन नेतन्याहू के भारत दौरे के एक महीने के अंदर भारतीय प्रधानमंत्री फीलिस्तीन की यात्रा कर रहे हैं. मोदी सरकार की कोशिश खाड़ी में दोस्ती के संतुलन को बनाए रखने की है. भारत की कोशिश यहूदी बहुल इजराइल और मुस्लिम बहुल फीलिस्तीन देशों के साथ दोस्ती के लिहाज से एक जैसा व्यवहार करते दिखने की है. पिछले महीने यरूशलम को इजराइल की राजधानी घोषित किए जाने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के खिलाफ यूएन में पेस प्रस्ताव के पक्ष में भारत ने मतदान किया था, जिसमें अमेरिका की खासी किरकिरी हुई थी.

Advertisement

जहां तक यूएई की बात है तो पिछले साल जनवरी में भारत और यूएई के बीच रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और ऊर्जा समेत 14 मामलों पर समझौते हुए थे.

बीबीसी ने इजराइल की एक उदारवादी अखबार हैरेत्ज का उल्लेख करते हुए बताया कि इस अखबार ने 2008 में दोनों देशों के संबंधों के बारे में कहा था, ''भारत और इजराइल के बीच संबंध मजबूत तब होते हैं जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता है या फिर भारत की राजनीति में दक्षिणपंथ का उभार होता है या वहां के नेतृत्व में मुस्लिम विरोधी भावना बढ़ती है.'' इसी अखबार ने आगे लिखा था, ''आधिकारिक रूप से भारत और इजराइल के बीच राजनयिक संबंध की शुरुआत कांग्रेस काल में हुई थी, लेकिन जब राष्ट्रवादी पार्टी बीजेपी के नेतृत्व में 1998 से 2004 तक सरकार रही तो इस दौरान ही संबंध परवान चढ़े.''

दूसरी ओर कई विश्लेषक मानते हैं कि खाड़ी के मुस्लिम देशों की तुलना में इजराइल ने अंतरराष्ट्रीय मौकों पर भारत का साथ दिया है. आतंकवाद और कश्मीर मामलों पर खाड़ी देश पाकिस्तान का साथ देते रहे हैं. ऐसे में भारत के लिए इजराइल बेहद खास हो जाता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हथियार, सुरक्षा समेत कई मामलों पर भारत को इजराइल का साथ चाहिए ही.

Advertisement

हालांकि वर्तमान में मोदी सरकार दोनों तरफ से दोस्ती बनाए रखना चाहती है, 2015 में मोदी ने यूएई, 2016 में सऊदी अरब, ईरान और कतर का दौरा किया था, जबकि पिछले साल 2017 में जुलाई में इजराइल के दौरे पर गए.

भारत की कोशिश इजराइल और खाड़ी देशों के साथ एक साथ रखने की होती है. मोदी का अगला प्रस्तावित दौरा इसी की कड़ी हो सकती है.

Advertisement
Advertisement