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अमेरिका में मैसूर के टेक उद्यमी, पत्नी और बेटे की मौत... खिड़की पर मिले खून के धब्बे और खाली कारतूस

किंग काउंटी शेरिफ के प्रवक्ता ब्रैंडिन हल ने कहा कि पुलिस को हत्या-आत्महत्या का संदेह है. उन्होंने कहा कि पुलिस को 911 पर एक कॉल आई थी, जिसके बाद पुलिस 129वें प्लेस साउथईस्ट स्थित टाउनहाउस पहुंची. रिपोर्टों में कहा गया है कि 7 वर्षीय छोटा बेटा घटना के समय घर के बाहर था, इसलिए वह बच गया. मामले की जांच कर रही टीम को सामने की खिड़की पर खून के धब्बे और सड़क पर एक खाली कारतूस मिला है.

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हर्षवर्धन किक्केरी (बाएं) और उनकी पत्नी श्वेता पन्याम (दाएं). (फाइल फोटो- holoworld.one)
हर्षवर्धन किक्केरी (बाएं) और उनकी पत्नी श्वेता पन्याम (दाएं). (फाइल फोटो- holoworld.one)

मैसूर के एक टेक उद्यमी, उनकी पत्नी और बेटे की अमेरिका के वाशिंगटन के पास स्थित उनके घर में रहस्यमयी हालात में मौत हो गई है. अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुरुआती जांच में इसे हत्या-आत्महत्या (murder-suicide) का मामला माना जा रहा है.

किंग काउंटी मेडिकल एग्ज़ामिनर ऑफिस ने मृतकों की पहचान 57 वर्षीय हर्षवर्धन किक्केरी, उनकी 44 वर्षीय पत्नी श्वेता पन्याम, और उनके 14 वर्षीय बेटे के रूप में की है. हर्षवर्धन किक्केरी मैसूर स्थित रोबोटिक्स कंपनी HoloWorld के सीईओ थे, जबकि उनकी पत्नी कंपनी की सह-संस्थापक थीं.

द सिएटल टाइम्स के मुताबिक किंग काउंटी शेरिफ के प्रवक्ता ब्रैंडिन हल ने कहा कि पुलिस को हत्या-आत्महत्या का संदेह है. हालांकि, अधिकारी अभी भी घटना के पीछे के सटीक कारण का पता लगा रहे हैं.

ये घटना गुरुवार रात (अमेरिकी समय अनुसार) हुई थी. पुलिस को 911 पर एक कॉल आई थी, जिसके बाद पुलिस 129वें प्लेस साउथईस्ट स्थित टाउनहाउस पहुंची. रिपोर्टों में कहा गया है कि 7 वर्षीय छोटा बेटा घटना के समय घर के बाहर था, इसलिए वह बच गया. मामले की जांच कर रही टीम को सामने की खिड़की पर खून के धब्बे और सड़क पर एक खाली कारतूस मिला है. हल ने कहा, "इस तरह की जांच में समय लगता है और हमारे जासूस इस घटना के कारणों का पता लगाने के लिए पूरी लगन से काम कर रहे हैं.

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कौन थे हर्षवर्धन किक्केरी?

कर्नाटक के किक्केरी गांव से ताल्लुक रखने वाले हर्षवर्धन किक्केरी ने मैसूर और अमेरिका में शिक्षा प्राप्त की थी. उन्होंने सिरैक्यूज़ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स किया और माइक्रोसॉफ्ट में काम करते हुए रोबोटिक्स पर विशेष ध्यान दिया. वे 44 अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के धारक थे, और उन्हें माइक्रोसॉफ्ट का गोल्ड स्टार, इन्फोसिस का एक्सीलेंस अवॉर्ड, भारत पेट्रोलियम स्कॉलरशिप और कई शतरंज प्रतियोगिताओं में पुरस्कार मिल चुके .

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