इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद को दुनिया की सबसे खूंखार और बेहतरीन खुफिया एजेंसी माना जाता है. मोसाद भले ही हमास के हमले का अंदाजा लगाने में चूक गई हो लेकिन इसका जासूसी नेटवर्क न केवल इजरायल में बल्कि दुनिया के कई देशों में फैला हुआ है. उसके जासूस आतंकियों के आकाओं की गतिविधियों के बारे में गहन जानकारी देते हैं और जरूरत पड़ने पर हत्याओं को भी अंजाम देते हैं.
ब्राजील में आतंकी हमले की कोशिश नाकाम
ताजा मामला ब्राजील से आया है जिसकी दूरी इजरायल से करीब 10 हजार किलोमीटर से अधिक है. यहां मोसाद ने यहूदनियों पर आतंकी हमले की साजिश को नाकाम कर दिया है. ब्राजील के प्रधानमंत्री ने खुद इस बात का खुलासा किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्राजील में यहूदी और इजरायली ठिकानों पर हमले करने की योजना बना रहे ईरान समर्थित संगठन हिज्बुल्ला के प्लान को मोसाद की मदद से नाकाम कर दिया गया है.
ब्राजील ने बताया कि उसने यहूदी समुदाय के खिलाफ देश के भीतर संभावित आतंकवादी हमलों को रोक दिया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलिस के इस ऑपरेशन का उद्देश्य कथित तौर पर "आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने की तैयारी कर रहे" लोगों का खात्मा करना था और साथ ही ब्राजील में यहूदी समुदाय की इमारतों को निशाना बनाकर "आतंकवादी कृत्यों के लिए ब्राजील के लोगों को भर्ती करने" वाले समूहों को खत्म करना था.
पुलिस ने 11 जगहों पर की रेड
रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने दो अस्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी किए और मिनस गेरैस, साओ पाउलो और राजधानी ब्रासीलिया सहित 11 स्थानों पर तलाशी ली. पुलिस ने बताया कि आतंकवादी संगठनों में भर्ती करने या शामिल होने वाले लोगों को लंबी जेल की सजा सहित गंभीर कानूनी दंड का सामना करना पड़ सकता है.
मोसाद ने की मदद
प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा: 'ब्राजील में सुरक्षा बलों ने, मोसाद और इजरायली सुरक्षा के सहयोगियों के साथ-साथ अन्य अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सहयोग से, हिज्बुल्ला आतंकवादी समूह द्वारा सुनियोजित एक योजनाबद्ध हमले को सफलतापूर्वक विफल कर दिया है. इसे ईरान द्वारा आर्थिक मदद दी जा रही थी. इसका नेटवर्क विश्व स्तर पर कई अन्य देशों तक फैला हुआ है.'
रिपोर्ट के मुताबिक, जांच में संदिग्ध लोगों के हिजबुल्ला से कनेक्शन की पहचान की गई है. संघीय पुलिस की 2014 की एक जांच में हिज्बुल्ला और ब्राज़ील के कैपिटल कार्टेल की पहली कमान के बीच संबंध पाए गए, जिसमें कथित हथियारों की तस्करी और ब्राज़ील में लेबनानी कैदियों की सुरक्षा शामिल थी.
लगातार सक्रिय है मोसाद
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि हमास के साथ गाजा में चल रहे संघर्ष के बीच, हिजबुल्ला और ईरान की सरकार इजरायल, यहूदी और पश्चिमी लक्ष्यों के खिलाफ हमले करने के अपने वैश्विक प्रयासों में लगे हुए हैं. मोसाद सक्रिय है और इन प्रयासों को रोकने के लिए जहां भी आवश्यक हो, विभिन्न प्रकार की रणनीति अपनाना जारी रखे हुए है.
सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी है मोसाद
इजरायल की इस खुफिया एजेंसी को दुनिया की सबसे खतरनाक एजेंसी कहा जाता है. मोसाद की पहुंच हर उस जगह तक है जहां इजरायल या उसके नागरिकों के खिलाफ कोई भी साजिश रची जा रही हो. मोसाद का इतिहास 63 साल पुराना है. इसका मुख्यालय इजरायल के तेल अवीब शहर में है.मोसाद के खूंखार एजेंट उसे दुनिया के किसी भी कोने से ढूंढ निकालने का दमख़म रखते हैं. यही वजह है कि इजरायल की इस खुफिया एजेंसी को दुनिया की सबसे खतरनाक एजेंसी माना जाता है.