अमेरिका में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के एक प्रोफेसर की मैसाचुसेट्स के ब्रुकलाइन में उनके घर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई. एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, पीड़ित की पहचान नूनो एफ. जी. लौरिरो (47) के रूप में हुई है, जो एमआईटी के प्लाज्मा साइंस एंड फ्यूजन सेंटर के डायरेक्टर और पुर्तगाल के रहने वाले MIT के मौजूदा फैकल्टी मेंबर थे.
नॉरफोक डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के ऑफिस के मुताबिक, ब्रुकलाइन पुलिस को सोमवार देर रात एक प्राइवेट घर में एक ऐसे आदमी के बारे में रिपोर्ट मिली जिसे गोली लगी थी. लौरिरो को एक लोकल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के ऑफिस ने मंगलवार को कन्फर्म किया कि लुइरेरो को दिन में पहले ही मृत घोषित कर दिया गया था.
फॉक्स न्यूज़ के मुताबिक, मैसाचुसेट्स स्टेट पुलिस ने इस हत्या की जांच शुरू कर दी है. अधिकारियों ने किसी संदिग्ध या मकसद के बारे में कोई जानकारी जारी नहीं की है. CBS न्यूज़ ने रिपोर्ट किया कि सोमवार शाम को एक पड़ोसी ने तीन तेज़ आवाज़ें सुनीं और सोचा कि बिल्डिंग में कोई दरवाज़ा पीट रहा है.
MIT ने की मौत की पुष्टि...
एमआईटी के ऑफिस ने लौरिरो की पहचान की पुष्टि की और बताया है कि वह इंस्टीट्यूट में सीनियर एकेडमिक और लीडरशिप पदों पर थे. वह न्यूक्लियर साइंस एंड इंजीनियरिंग और फिजिक्स डिपार्टमेंट में प्रोफेसर थे और MIT के प्लाज्मा साइंस एंड फ्यूजन सेंटर के डायरेक्टर भी थे.
MIT की वेबसाइट पर जारी एक बयान में MIT की प्रवक्ता सारा मैकडॉनेल ने कहा, "दुख की बात है कि मैं इस बात की पुष्टि कर सकती हूं कि प्रोफेसर नूनो लौरिरो, जिनकी आज सुबह मौत हो गई, वह MIT के मौजूदा फैकल्टी मेंबर थे."
उन्होंने आगे कहा, "हमारी गहरी संवेदनाएं उनके परिवार, छात्रों, सहकर्मियों और उन सभी के साथ हैं, जो दुख में हैं. प्रोफ़ेसर लौरिरो को जानने वालों को देखभाल और सहायता देने के लिए हमारे समुदाय में खास तौर पर बातचीत और संपर्क किया जा रहा है और हमारे बड़े समुदाय के साथ भी एक संदेश शेयर किया जाएगा."
MIT ने कहा कि चल रही जांच की गोपनीयता का सम्मान करते हुए, वे इस स्टेज पर और जानकारी नहीं शेयर करेंगे.
यह भी पढ़ें: अमेरिका में पीड़ित, दिल्ली में ठग और इंटरनेशनल फ्रॉड... नकली वेबसाइट के जरिए फर्जीवाड़े का खेल बेनकाब
नूनो लोरेइरो कौन थे?
एमआईटी के मुताबिक, लोरेइरो का फिजिक्स में एक लंबा एकेडमिक बैकग्राउंड और इंटरनेशनल करियर था. उन्होंने लिस्बन के इंस्टीट्यूटो सुपीरियर टेक्नीको से पोस्टग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी की और बाद में इंपीरियल कॉलेज लंदन से फिजिक्स में PhD की डिग्री हासिल की.
साल 2015 में, उन्हें अमेरिकन फिजिकल सोसाइटी से प्लाज्मा फिजिक्स रिसर्च में शुरुआती करियर में बेहतरीन योगदान के लिए थॉमस एच. स्टिक्स अवॉर्ड मिला. वह 2016 में MIT में फैकल्टी मेंबर के तौर पर शामिल हुए और उन्हें न्यूक्लियर साइंस एंड इंजीनियरिंग में प्रोफेसरशिप के साथ-साथ हरमन फेशबैक (1942) प्रोफेसर ऑफ फिजिक्स नियुक्त किया गया.
यह भी पढ़ें: 'हाथ-पैर बांधकर पुरुषों के बीच बैठाया...', अमेरिका में भारतीय महिला की गिरफ्तारी से दर्द में बेटी
पिछले कुछ सालों में, लौरिरो को उनके काम के लिए कई एकेडमिक अवार्ड्स मिले. 2024 में, उन्हें इस क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए MIT प्लाज्मा साइंस एंड फ्यूजन सेंटर का डायरेक्टर बनाया गया, जो इंस्टीट्यूट की सबसे बड़ी लैब्स में से एक है.
उनका रिसर्च प्लाज्मा फिजिक्स और न्यूक्लियर फ्यूजन पर केंद्रित था, जिसमें प्लाज्मा के व्यवहार को समझने पर खास ज़ोर था. पिछले साल उन्हें डायरेक्टर बनाए जाने का ऐलान किया गया था.