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अमेरिका में बैन हुआ मेथिलीन क्लोराइड, माना जाता था लिवर कैंसर का प्रमुख कारण

ईपीए ने कहा कि मेथिलीन क्लोराइड, जिसे डाइक्लोरोमेथेन भी कहा जाता है, एक रंगहीन केमिकल होता है जो जहरीले वाष्प का उत्सर्जन करता है जिससे 1980 से कम से कम 88 मजदूरों की मौत हो चुकी है. दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभावों में विभिन्न प्रकार के कैंसर शामिल हैं, जिनमें लिवर कैंसर और फेफड़ों का कैंसर सबसे प्रमुख हैं.

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सांकेतिक फोटो
सांकेतिक फोटो

पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (Environmental Protection Agency) ने मंगलवार को कहा कि उसने मेथिलीन क्लोराइड (Methylene Chloride) के उपभोक्ता उपयोग पर बैन को अंतिम रूप दे दिया है. मेथिलीन क्लोराइड एक केमिकल है जिसका इस्तेमाल व्यापक रूप से पेंट स्ट्रिपर के रूप में किया जाता है लेकिन इसे लिवर कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण माना जाता है.

ईपीए ने कहा कि उसकी कार्रवाई अमेरिकियों को स्वास्थ्य जोखिमों से बचाएगी. एजेंसी ने केमिकल के कुछ व्यावसायिक उपयोगों को मजबूत श्रमिक सुरक्षा के साथ जारी रखने की अनुमति दी है.  

केमिकल ने तबाह किए कई परिवार

मेथिलीन क्लोराइड पर बैन लगाने वाला नियम सेकेंड रिस्क मैनेजमेंट नियम है जिसे राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन की ओर से टॉक्सिक सब्सटेंस कंट्रोल एक्ट में 2016 के ऐतिहासिक संशोधन के तहत अंतिम रूप दिया गया था. 

ईपीए एडमिनिस्ट्रेटर माइकल रेगन ने एक बयान में कहा, 'मेथिलीन क्लोराइड के संपर्क में आने से इस देश में लंबे समय से कई परिवार तबाह हुए हैं, जिनमें कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को काम पर जाते देखा और वे कभी घर नहीं लौटे.'

1980 से जा चुकी है 88 मजदूरों की जान

ईपीए ने कहा कि मेथिलीन क्लोराइड, जिसे डाइक्लोरोमेथेन भी कहा जाता है, एक रंगहीन केमिकल होता है जो जहरीले वाष्प का उत्सर्जन करता है जिससे 1980 से कम से कम 88 मजदूरों की मौत हो चुकी है. दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभावों में विभिन्न प्रकार के कैंसर शामिल हैं, जिनमें लिवर कैंसर और फेफड़ों का कैंसर सबसे प्रमुख हैं.

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