ब्रिटेन में एक शख्स को इलाज के दौरान अपने दोनों टेस्टिकल (Testicles) निकलवाने पड़े. जिसके बाद उसने अस्पताल पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. इन आरोपों को लेकर वह अस्पताल के खिलाफ हाई कोर्ट (High Court) पहुंच गया. 2015 में हुई इस घटना को लेकर अब कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है, जिसके बाद ये केस चर्चा में आ गया. आइए जानते हैं पूरा मामला...
'डेली स्टार' की रिपोर्ट के मुताबिक, 55 वर्षीय शख्स का नाम स्टुअर्ट डालचो (Stuart Dalchow) है. अप्रैल 2015 में स्टुअर्ट ने अपने Testicle से 3 सेमी की गांठ को हटाने के लिए लंदन के NHS अस्पताल में एक नॉर्मल सर्जरी करवाई थी.
लेकिन सर्जरी के कुछ ही दिन बाद स्टुअर्ट को तेज दर्द महसूस हुआ, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल से फिर से संपर्क किया. जहां उनकी एक और सर्जरी की गई और एक टेस्टिकल (लेफ्ट साइड) को निकालना पड़ा. कुछ दिन बाद दूसरा टेस्टिकल भी उन्हें निकलवाना पड़ा. इस घटना के बाद मरीज स्टुअर्ट ने दावा किया एंटीबायोटिक्स देने में देरी और इलाज में लापरवाही से ये हुआ है.
स्टुअर्ट डालचो इस मामले को लेकर कोर्ट पहुंच गए. जहां सुनवाई के दौरान जज ने एंटीबायोटिक्स देने में देरी की बात सही मानी. जज ने कहा- "इसमें कोई विवाद नहीं है कि यह अस्पताल के कर्तव्यों का उल्लंघन है." लेकिन कोर्ट ने ये भी कहा कि ये दावा गलत है कि इलाज में लापरवाही हुई है, क्योंकि अनुभवी डॉक्टरों की देखरेख में ट्रीटमेंट किया गया था. अस्पताल ने भी Antibiotics देने में देरी की बात मानी है.
सुनवाई के दौरान कोर्ट के सामने यह भी आया कि Testicles में Bacterial Infection शुरू होने के बाद अकेले एंटीबायोटिक्स का प्रभाव सीमित होता है. ऐसे में यह साबित नहीं किया जा सकता कि Antibiotics देने में देरी की वजह से मरीज को नुकसान हुआ. आखिर में कोर्ट ने स्टुअर्ट के केस को खारिज कर दिया. इस तरह उनका दावा भी खारिज हो गया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि दवा में हुई देरी की वजह से Testicles निकलवाने पड़े.