खाड़ी देश कुवैत में एक महिला टीचर को 11 साल की सजा सुनाई गई है. अगर आपको इस सजा के पीछे की वजह का पता चलेगा तो आप हैरान रह जाएंगे. दरअसल, इस टीचर को ट्वीट करने के आरोप में यह सजा दी गई है. उसने अपने ट्वीट में कुवैत के शासक का अपमान किया था और उसे सत्ता से उखाड़ फेंकने की हिमायत भी की थी.
कुवैत के विपक्षी दलों के मुताबिक खाड़ी देशों में इस तरह के किसी ऑनलाइन पोस्ट के लिए पहली बार इतनी बड़ी सजा दी गई है. 37 वर्षीय हुदा अल-अजमी नाम की इस महिला टीचर ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसे ट्वीट करना इतना महंगा पड़ जाएगा.

हुदा पर अलग-अलग तीन आरोप लगाए गए हैं. कुवैत शासक अमीर शेख सबाह अल-अहमद अल-सबाह का अपमान करने के लिए उसे एक साल की सजा दी गई है, जबकि शासन के खिलाफ विद्रोह को प्रोत्साहित करने और सार्वजनिक चर्चा के दौरान कानून का उल्लंघन करने के आरोप में पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई है. यानी कि कुल मिलाकर उसे 11 साल सजा दी गई है.
हालांकि अन्य खाड़ी देशों की तुलना में कुवैत काफी उदार देश है, लेकिन इन दिनों सोशल मीडिया में शासन के खिलाफ बयानबाजी करने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जा रहा है.
पिछले महीने पूर्व सांसद मुसल्लम अल-बराक को अमीर का अपमान करने के आरोप में पांच साल की सजा सुनाई थी, लेकिन वह एक अपील के जरिए फैसले को पलटने में कामयाब रहे. लेकिन कुवैत में एक महिला का राजनीतिक अपराध के लिए जेल जाना असामान्य बात है. अभी हाल ही में दो महिला कार्यकर्ताओं को भी जेल की सजा सुनाई गई थी, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया है.