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'करारा जवाब मिलेगा', Drone Attack में American सैनिकों की मौत पर Joe Biden की चेतावनी

इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब मिडिल ईस्ट में अमेरिका का कोई सैनिक मारा गया है. अपने सैनिकों की मौत पर दुख जाहिर करते हुए रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि पिछली रात हमने अपने एक बेस पर हमले में 3 बहादुर सैनिकों को खो दिया था.

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Drone attack (File Photo)
Drone attack (File Photo)

जॉर्डन में हुए ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का बयान सामने आया है. बदला लेने की बात कहते हुए जो बाइडेन ने कहा है कि हमला करने वालों को करारा जवाब दिया जाएगा. बाइडेन ने सीधे तौर पर इस हमले के लिए ईरान समर्थित आतंकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि जिस ड्रोन अटैक में अमेरिका के तीन बहादुर सैनिक मारे गए हैं, उसे ईरान समर्थित आतंकियों ने अंजाम दिया था. 

बता दें कि इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब मिडिल ईस्ट में अमेरिका का कोई सैनिक मारा गया है. अपने सैनिकों की मौत पर दुख जाहिर करते हुए रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि पिछली रात हमने अपने एक बेस पर हमले में 3 बहादुर सैनिकों को खो दिया था.

ईरान समर्थित आतंकी संगठन पर हमले का आरोप

बताया जा रहा है कि जॉर्डन में जिस क्षेत्र में यूएस आउटपोस्ट पर हमले हुए हैं, उसकी सीमा सीरिया से लगती है. सीमाई क्षेत्र में टावर-22 पर ड्रोन अटैक हुआ है, जिसमें अमेरिकी सैनिक मारे गए. अधिकारियों का दावा है कि ड्रोन हमले को ईरान समर्थित हथियारबंद समूह ने अंजाम दिया है और हमला सीरिया से किया गया था. उत्तर-पूर्वी जॉर्डन में किए गए हमले में तीन सैनिकों के मारे जाने के अलावा कम से कम 25 कर्मी घायल हुए हैं. एयरबेस को भी बड़ा नुकसान हुआ है.

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जॉर्डन में पहली बार अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर हमला

अमेरिका ने भी इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं किया है कि आखिर सैन्य बेस पर तैनात एयर डिफेंस सिस्टम ड्रोन को रोकने में कैसे विफल हो गया. ऐसा पहली बार है, जब जॉर्डन में अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर हमला किया गया है. 17 अक्टूबर से अमेरिका और सहयोगी सेना ईरान समर्थित समूहों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं.

अमेरिकी ठिकानों पर युद्ध के बाद से 158 अटैक

अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी और सहयोगी देशों के सैन्य बेस पर इराक-सीरिया में कमोबेश 158 हमले किए गए हैं. इन हमलों में मिसाइल, रॉकेट्स और ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया है. हमले में बड़ी संख्या में अमेरिकी सैनिक घायल भी हुए हैं और सैन्य ठिकानों को बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा है.

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