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बाइडेन: संघर्षपूर्ण रही है लाइफ, अस्पताल में ली थी पहली बार शपथ

बाइडेन दुनिया के सबसे ताकतवर देश माने जाने वाले अमेरिका के बॉस बनने जा रहे हैं, तो दुनिया की निगाहें भी उनपर टिकी हैं. हर कोई उनकी नीतियों के बारे में जानना चाहता है. ऐसे में जो बाइडेन का राजनीतिक सफर कैसा रहा और उन्होंने अबतक कैसे पांच दशक के संघर्ष के बाद ये गद्दी हासिल की है.

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जो बाइडेन (फोटो: joebiden.com)
जो बाइडेन (फोटो: joebiden.com)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बाइडेन की जीत
  • 50 साल का राजनीतिक सफर कर चुके हैं तय
  • तीन बार राष्ट्रपति पद के लिए आजमाई किस्मत

अमेरिका में बाइडेन युग की शुरुआत होने जा रही है. जो बाइडेन आज 46वें अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने जा रहे हैं. जो बाइडेन अमेरिकी इतिहास के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे. डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता और दो बार अमेरिका के राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा ने राष्ट्रपति पद के चुनाव के दौरान जो बाइडेन की जोरदार वकालत की थी.

बीते साल अमेरिक में हुए चुनाव में बाइडेन को 273 वोट मिले थे. वहीं, डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में 214 इलेक्टोरल वोट गए. यह जीत निर्णायक राज्य पेनसिल्वेनिया में बाइडेन के जीत के बाद तय हुई थी. अब जब जो बाइडेन दुनिया के सबसे ताकतवर देश माने जाने वाले अमेरिका के बॉस बनने जा रहे हैं, तो दुनिया की निगाहें भी उनपर टिकी हैं. हर कोई उनकी नीतियों के बारे में जानना चाहता है. ऐसे में जो बाइडेन का राजनीतिक सफर कैसा रहा और उन्होंने अबतक कैसे पांच दशक के संघर्ष के बाद ये गद्दी हासिल की है, इसपर एक नज़र डालिए... 

5 दशक लंबा राजनीतिक सफर...

77 साल के जो बाइडेन करीब पचास साल से अमेरिका की राजनीति में एक्टिव हैं. बाइडेन ने बतौर वकील अपने करियर की शुरुआत की थी, जिसके बाद उन्होंने राजनीति का रुख किया. साल 1972 में वो पहली बार चुनावी राजनीति में आए और डेलावेयर की न्यू काउंटी से चुने गए, यहां उन्होंने एक दस लेन के हाइवे के लिए जंग लड़ी. 

1972 में ही जो बाइडेन ने अमेरिकी सीनेट के लिए उम्मीदवारी का ऐलान किया, डेलावेयर से वो 1973 में सीनेटर चुने गए. बाइडेन यहां से लगातार 2009 तक सीनेटर चुने गए. इसी साल वो बराक ओबामा के प्रशासन में उपराष्ट्रपति बने थे जिसके कारण सीनेटर का पद छोड़ना पड़ा था.

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3 बार राष्ट्रपति के लिए आजमाई किस्मत

बाइडेन अब अमेरिका के राष्ट्रपति बनने की कगार पर हैं, लेकिन उनके लिए ये राह इतनी आसान भी नहीं रही. जो बाइडेन ने अपने राजनीतिक करियर में तीन बार राष्ट्रपति बनने की रेस में हाथ आजमाया, लेकिन इससे पहले दो बार के प्रयासों में कुछ ना कुछ होता रहा.


सबसे पहले जो बाइडेन ने 1987 में राष्ट्रपति पद के लिए किस्मत आजमाई, उन्होंने डेमोक्रेट्स की ओर से प्राइमरी की जंग भी लड़ी. 1988 में होने वाले चुनाव के लिए जब जो बाइडेन ने प्रचार शुरू किया, तो उनपर एक भाषण को चोरी करने का आरोप लगा. इसके बाद उनकी तबीयत खराब हुई और सर्जरी करवाने की वजह से उन्हें अपना कैंपेन वापस लेना पड़ा. 

इसके बाद 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में भी उनका कैंपेन शुरू हो गया था, लेकिन 2015 में बेटे की मौत के बाद उन्होंने चुनाव ना लड़ने का फैसला लिया. और तीसरी बार 2020 में अपनी किस्मत आजमाई, जिसमें वो सफल रहे. 

सत्ता में आगे बढ़े, करीबियों को खोते रहे
जो बाइडेन ने अपनी शुरुआत काउंटी से की, फिर सीनेटर, उपराष्ट्रपति और अब राष्ट्रपति बनने की ओर बढ़ चले हैं. लेकिन इस बीच उनकी निजी जिंदगी में कई बार मुसीबतें आईं. 20 नवंबर 1942 को जन्मे जो बाइडेन को कम उम्र में ही पेंसिलवेनिया से डेलावेयर शिफ्ट होना पड़ा, क्योंकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी.

बाइडेन ने 1966 में नीला हंटर से शादी की, लेकिन करीब 6 साल बाद 1972 में एक एक्सीडेंट में उनकी पत्नी और एक साल की बेटी की मौत हो गई थी. जबकि उनके दो बेटे बुरी तरह से घायल हुए थे. बाइडेन ने बतौर सीनेटर पहली बार शपथ भी अस्पताल में ही ली थी. इसके बाद 2015 में जो बाइडेन के बेटे बिउ बाइडेन की कैंसर के कारण मौत हो गई थी. 

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अस्पताल में ली पहली बार शपथ (joebiden.com)


जो बाइडेन और एक ट्रेन.. 

जो बाइडेन को उनके समर्थक और विरोधी दोनों ही ‘Amtrak Biden’ कहकर बुलाते थे, जिसका एक कारण था. 1973 में जब जो बाइडेन सीनेटर चुने गए, तभी उनकी पत्नी-बेटी की मौत हो गई थी और दो बेटे घायल थे. जब बाइडेन Amtrak नाम की ट्रेन सर्विस से अपने घर से वॉशिंगटन का सफर करते थे, दिन में ऑफिस और रात को दोबारा घर आते थे ताकि अपने बेटों के पास रह सकें. करीब 35 साल तक रोजाना जो बाइडेन ने इस ट्रेन से सफर किया और उनका नाम ही Amtrak Biden पड़ गया. कई बार अपने चुनावी कैंपेन के दौरान उन्होंने फिर इस ट्रेन का सफर किया. 

Amtrak ट्रेन में जो बाइडेन (फोटो: joebiden.com)


बराक ओबामा के ‘ब्रदर’ वाइस प्रेसिडेंट

साल 2008 में भी जो बाइडेन ने डेमोक्रेट्स की ओर से राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने की कोशिश की, लेकिन बाद में उन्होंने बराक ओबामा का समर्थन कर दिया. जिसके बाद वो ओबामा प्रशासन में वाइस प्रेसिडेंट रहे. करीब आठ साल तक इस पद पर रहने के दौरान जो बाइडेन ने करीब 50 देशों का दौरा किया. बराक ओबामा ने जो बाइडेन को ‘ब्रदर वाइस प्रेसिडेंट’ की उपाधि दी थी. 

2008-09 में अमेरिका में जब सबसे बड़ी मंदी आई तो बराक ओबामा ने एक कमेटी का गठन किया और उसकी कमान जो बाइडेन के हाथ में सौंपी. अमेरिका को मंदी से उबारने में जो बाइडेन की अहम भूमिका रही. अगर भारत-अमेरिका को लेकर बात करें तो जो बाइडेन ने परमाणु डील में अहम भूमिका निभाई, बतौर सीनेटर इस डील के पक्ष में वोट दिया. साथ ही बतौर उपराष्ट्रपति भारत-अमेरिका के बीच निवेश को लेकर बड़े कदम उठाए. 

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