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इजरायल ने ठुकराई अमेरिका की मांग, अब तुर्की हुआ नाराज, लिया ये बड़ा फैसला

तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा कि गाजा पर इजरायल के हमलों के बीच हमने परामर्श के लिए तेल अवीव में अपने राजदूत को वापस बुला लिया है. इजरायल ने संघर्ष विराम और मानवीय सहायता जारी रखने के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया है. गाजा में सामने आ रही मानवीय त्रासदी को देखते हुए तेल अवीव में हमारे राजदूत को वापस बुलाने का निर्णय लिया गया. वहीं, जॉर्डन के उप प्रधानमंत्री ने कहा कि हम भी तत्काल युद्धविराम की मांग करते हैं.

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नेतन्याहू ने अमेरिका के संघर्ष विराम के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है
नेतन्याहू ने अमेरिका के संघर्ष विराम के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है

इजरायल-हमास के बीच जारी जंग अब खतरनाक मोड पर आ गई है. इजरायली पीएम नेतन्याहू ने अब अमेरिका की मांग को भी ठुकरा दिया है. दरअसल, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शुक्रवार को नेतन्याहू से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने सीजफायर का दबाव बनाया, लेकिन नेतन्याहू ने साफ तौर पर कहा कि जबतक बंधकों की रिहाई नहीं होगी, हमले जारी रहेंगे. नेतन्याहू के इस रुख से तुर्की नाराज हो गया है. तुर्की ने इजराइल द्वारा संघर्ष विराम के आह्वान को अस्वीकार करने, गाजा में नागरिकों के खिलाफ हमले जारी रखने पर इजरायल से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है. वहीं, जॉर्डन के उप प्रधान मंत्री ने कहा कि हम भी तत्काल युद्धविराम की मांग करता हैं.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन जंग के बीच तीसरी बार इजरायल पहुंचे थे. तेल अवीव में उन्होंने नेतन्याहू से मुलाकात की थी, उन्होंने मानवता के आधार पर अस्थायी तौर पर संघर्ष विराम और आम नागरिकों की सुरक्षा का ख्याल रखने पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि इससे गाजा तक मदद पहुंचाने और बंधकों की रिहाई में आसानी होगी. इसके जवाब में नेतन्याहू ने कहा कि अगर हमने ऐसा किया तो इससे हमास को फिर से एकजुट होने और हथियार जमा करने का समय मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि जब तक बंधकों की रिहाई नहीं होगी, तब तक हमले जारी रहेंगे.

वहीं भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने इजरायल के विदेशमंत्री से बात की. उन्होंने कहा कि आतंकवाद का मुकाबला करने, अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के पालन और टू नेशन समाधान के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई.

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तुर्की ने बताई राजदूत बुलाने की वजह

तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा कि गाजा पर इजरायल के हमलों के बीच हमने परामर्श के लिए तेल अवीव में अपने राजदूत को वापस बुला लिया है. इजरायल ने संघर्ष विराम और मानवीय सहायता जारी रखने के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया है. गाजा में सामने आ रही मानवीय त्रासदी को देखते हुए तेल अवीव में हमारे राजदूत को वापस बुलाने का निर्णय लिया गया. मंत्रालय ने कहा कि साकिर ओज़कन टोरुनलर परामर्श के लिए अंकारा जाएंगे.

गाज में अबतक 9 हजार से ज्यादा लोगों की मौत 

सेना ने शुक्रवार को दावा किया कि उसने गाजा शहर को चारों ओर से घेर लिया है. इजरायली सेना गाजा पट्टी पर लगातार अटैक कर रही है, गाजा में अबतक 9227 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 7 लाख लोगों ने शरणार्थी शिविरों में पनाह ली है. इन हमलों में यूएन के 72 कर्मी भी मारे गए हैं.

लंदन में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन

वहीं, लंदन में लोगों ने फिलिस्तीन के समर्थन में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया. पुलिस ने कहा कि अधिकारी प्रदर्शनकारियों के एक समूह से बातचीत कर रहे हैं, जो ऑक्सफ़ोर्ड सर्कस पर बैठ गए हैं और उसे ब्लॉक कर दिया है. ट्रैफिक खुलवाने का काम तेजी से जारी है.  

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जंग के बाद पहली बार सामने आया था हिज्बुल्लाह चीफ

वहीं, लेबनान से हिज्बुल्ला के चीफ नसरल्लाह पहली बार लोगों के सामने आए. उन्होंने कहा कि इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि हिज्बुल्ला इस जंग में कब शामिल होगा, तो वह कहना चाहते हैं कि वह 8 अक्टूबर से इस जंग में कूद गया था. सभी विकल्प खुले हुए हैं. अभी दो ही लक्ष्य हैं, पहला- जंग खत्म करना. दूसरा- हमास की जीत सुनिश्चित करना. नसरल्लाह ने कहा कि गाजा में 20 मिलियन लोग मुश्किल हालात में जिंदगी गुजार रहे हैं. उनके घरों को तोड़ा जा रहा है, उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है. लेकिन इसकी चिंता किसी को नहीं है. इस बारे में न UN पूछता है, न ही OIC, अरब लीग और यूरोपीय यूनियन को इसकी चिंता है. फिलिस्तीन में जो चल रहा है, सब भुलाया जा चुका है. दूसरी ओर दुश्मन की पॉलिसी लगातार बढ़ती जा रही है, वह रोज जुल्म बढ़ा रहे हैं. 

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