आयरलैंड के प्रधानमंत्री एंडा कैनी ने बुधवार को भारतीय दंत चिकित्सक सविता हलप्पनवार के पति से अपील की कि वह पत्नी की मौत की जांच कर रहे दल के प्रमुख से मुलाकात करें. सविता के पति ने पूर्ण सार्वजनिक जांच की मांग की है. सविता की गर्भावस्था की जटिलताओं के कारण उस समय मृत्यु हो गयी जब उसका गर्भपात करने से इनकार कर दिया गया.
कैनी ने कहा कि सविता के पति दल के अध्यक्ष सबरत्नम अरूलकुमारन से अपने मतों के पूर्वाग्रह और जांच के बारे में अपनी धारणाओं को त्याग कर मुलाकात कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय समाचारपत्रों में आदमी (परवीन) के नाम से आयी टिप्पणियां उनसे बहुत भिन्न हैं जो कानूनी दल की तरफ से आ रही हैं.’
प्रधानमंत्री ने आयरिश संसद डेल में कहा कि परवीन यह कह चुके हैं कि वह जांच दल में ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं चाहते जो गालवे यूनिवर्सिटी हास्पिटल से जुडा हो. कैनी ने कहा, ‘यही मामला है’? संसद में की गयी टिप्पणी में फिनाना फेल पार्टी के नेता माइकल मार्टिन ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री जेम्स रेली को परवीन से संपर्क करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि इस संपर्क के बारे में किसी को टीका-टिप्पणी नहीं करना चाहिए.
मार्टिन ने कहा कि यदि संपर्क किया गया होता तो हम आज वहां नहीं होते जहां इस विशिष्ट मामले की प्रगति के संदर्भ में हम आज खड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें यह नहीं लगता कि परिस्थितियों को देखते हुए परवीन से सार्वजनिक अपील की जानी चाहिए. वह अपनी पत्नी की मौत के कारण दुखी है.
आयरिश टाइम्स के अनुसार कैनी ने कहा कि वह मानते हैं कि यह सबके हित में होगा कि जांच दल के अध्यक्ष की मृतका के पति से मुलाकात हो. उन्होंने कहा कि वह किसी भी तरह से मामले में जोड़तोड़ करने का संकेत नहीं दे रहे हैं. उधर सिन फेन पार्टी के नेता गैरी एडम्स ने कहा कि सरकार इस मामले को ढंग से नहीं संभाल पा रही है.
परवीन अपनी पत्नी की पिछले माह हुई मौत की सार्वजनिक जांच करवाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि सविता का गर्भ खंडित हो गया था जिसके बाद कई बार गर्भपात के लिए कहा था लेकिन ऐसा करने से इनकार कर दिया गया क्योंकि भ्रूण के दिल में उस समय धड़कन हो रही थी.
आयरिश स्वास्थ मंत्री जेम्स रेले ने कहा कि महिलाओं की देखभाल के संदर्भ में यह सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य है कि गैलवे यूनिवर्सिटी अस्पताल में कोई असुरक्षित काम नहीं हो रहा है. इसी अस्पताल में 31 साल की सविता की पिछले महीने मौत हुई थी. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि हेल्थ सर्विस एक्जक्यूटिव (एचएसई) जल्द से जल्द मामले की जांच को लेकर आगे बढ़ें.
एचएसई ले मंगलवार को सात सदस्यीय जांच दल से तीन सदस्यों को हटा दिया था. इन तीनों जॉन जे मॉरिसन, कैथरीन फ्लेमिंग और ब्रायन हार्ट का ताल्लुक इसी अस्पताल से है. सविता के पति प्रवीन ने पहले जांचकर्ताओं से यह कहकर बात करने से इनकार कर दिया था कि वह उन्हें अपनी पत्नी के चिकित्सीय रिकॉर्ड देखने की अनुमति नहीं देंगे क्योंकि गैलवे अस्पताल के तीन वरिष्ठ डॉक्टर भी इस जांच दल का हिस्सा हैं.
सविता की इस दुखद मौत के मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय दल बनाए जाने के कुछ घंटे के अंदर आयरलैंड के प्रधानमंत्री कैनी ने संसद में इन डॉक्टरों को दल से हटाए जाने की घोषणा की. कैनी ने कहा, ‘ये तीन डॉक्टर जांच दल का हिस्सा नहीं होंगे. इसलिए इनकी जगह उन योग्य और अनुभव प्राप्त लोगों को इस दल में शामिल किया जाएगा जिनका गैलवे विश्वविद्यालय अस्पताल से कोई संबंध न हो.’
उधर, परवीन ने कहा है कि वह अब भी एचएसई की ओर से की जा रही जांच में सहयोग नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, ‘अस्पताल के तीन लोगों को हटाया जाना पर्याप्त नहीं है. उन्होंने जांच समिति बनाई और हमसे विचार-विमर्श नहीं किया. मैं एचएसई को लेकर खुश नहीं हूं. मैं सार्वजनिक जांच पर जोर दे रहा हूं.’ जांच दल के प्रमुख सबरत्नम अरूलकुमारन ने पहले परवीन को जांचकर्ताओं के साथ बातचीत के लिए राजी करने के उनसे मिलने की इच्छा जताई थी क्योंकि उनकी पत्नी की देखभाल के मामले में समस्याओं को पहचानने के लिए उनका बयान सबसे जरूरी है.
बीते 28 अक्टूबर को 31 वर्षीय सविता हलप्पनवार की मौत गैलवे विश्वविद्यालय अस्पताल में रक्त विषाक्तता के कारण उस समय हो गई थी जब डाक्टरों ने उनका गर्भपात करने से यह कहकर इनकार कर दिया था कि ‘यह एक कैथोलिक देश है’ और यहां गर्भपात की अनुमति नहीं है.