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पहले तीन को फांसी और अब पकड़े गए 47 'इजरायली जासूस', ईरान में कितने अंदर तक घर कर गया है मोसाद?

ईरान में इजरायली हमले से भारी नुकसान हुआ जिसमें ईरान में स्थित इजरायली जासूसों का बड़ा हाथ था. उन्हीं की जानकारी के आधार पर इजरायल सटीक हमले कर पाया. अब ईरान ने देश में इजरायली जासूसों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया है.

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इजरायली जासूसों ने ईरानी शासन के बेहद अंदर तक घर कर लिया है (File Photo- AP)
इजरायली जासूसों ने ईरानी शासन के बेहद अंदर तक घर कर लिया है (File Photo- AP)

ईरान पर हमले कर इजरायल ने जितनी तबाही मचाई, उसके शीर्ष सैन्य जनरलों और परमाणु वैज्ञानिकों को सटीक तरीके से निशाना बनाया, वो ईरान के अंदर बैठे इजरायली जासूसों के बिना संभव नहीं था. इसे देखते हुए ईरान युद्ध की शुरुआत से ही बेहद सतर्क हो गया था और उसने इजरायली जासूसों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी. बुधवार को इजरायल के लिए जासूसी करने और हत्या की साजिश रचने के आरोप में तीन लोगों को फांसी दी गई थी और अब ईरान ने इजरायल के साथ सहयोग के लिए 47 ईरानियों के खिलाफ मामले शुरू किए हैं.

ईरान के फार्स प्रांत के न्यायपालिका प्रमुख ने गुरुवार को कहा कि ईरानी अधिकारियों ने 'इजरायल के साथ सहयोग' सहित अन्य आरोपों को लेकर 47 नागरिकों के खिलाफ न्यायिक मामले शुरू किए हैं.

यह घोषणा अमेरिका स्थित मानवाधिकार समूह HRANA की एक रिपोर्ट के बाद की गई है, जिसमें कहा गया है कि ईरान-इजरायल युद्ध की शुरुआत के बाद से कम से कम 823 ईरानियों को राजनीतिक या सुरक्षा संबंधी आरोपों का सामना करना पड़ा है.

HRANA के अनुसार, उनमें से 286 को ऑनलाइन गतिविधियों के लिए हिरासत में लिया गया था जिनमें से कई ईरानियों ने इजरायल के हमले को लेकर पोस्ट किया था. 

बुधवार को तीन लोगों को दी गई थी फांसी

इससे पहले बुधवार को ईरान ने तीन लोगों को इजरायल के लिए जासूसी करने के जुर्म में फांसी दे दी थी. ईरान की सरकारी मीडिया के अनुसार, ईरान-इजरायल संघर्ष के दौरान ऐसे मामलों में छह लोगों को फांसी हो चुकी है.

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ईरान ने एक बयान जारी कर बताया था कि इदरीस अली, आजाद शोजाई और रसूल अहमद ने ईरान में हत्या के लिए हथियार लाने की कोशिश की थी जिसके बाद उन्हें जांच में दोषी पाया गया और फांसी दे दी गई.

इजरायल के साथ हालिया युद्ध शुरू होने के बाद से ही ईरान ने जासूसों पर कार्रवाई तेज कर दी 12 दिनों चले युद्ध में 700 से अधिक 'इजरायली जासूसों' को गिरफ्तार किया गया. इन सभी पर आरोप है कि वो इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद से जुड़े हुए हैं जिन्होंने इजरायल को खुफिया जानकारी साझा की और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने में मदद की.

इतनी बड़ी संख्या में इजरायली जासूसों के पकड़े जाने से यह साफ हो गया है कि इजरायल ने ईरान के कितने अंदर तक अपनी पैठ बना ली थी. यह इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद की क्षमता को भी दिखाता है जिसके एजेंट्स युद्ध में अपने दुश्मन को धूल चटाने के लिए उनके साथ मिलकर ही काम करते हैं और मौका आने पर दुश्मन का काम तमाम कर देते हैं. 

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