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अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की टीम से इस भारतवंशी महिला ने क्यों तोड़ा नाता?

वनिता गुप्ता ने देश में कई अहम आंदोलनों और मुहिम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पिछले साल महिलाओं के गर्भपात से जुड़े अधिकारों की पैरवी करने में वह सबसे आगे रहीं. इसके साथ ही पुलिस सुधार कानूनों में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी.

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अमेरिका की बाइडेन सरकार में पावरफुल भारतवंशी महिलाओं में से एक वनिता गुप्ता (Vanita Gupta) ने अपने पद से हटने का ऐलान किया है. वह बाइडेन सरकार के न्याय विभाग में एसोसिएट अटॉर्नी जनरल हैं. मानवाधिकार कार्यकर्ता के तौर पर बेहतरीन काम करने वाली वनिता अगले साल आधिकारिक तौर पर अपना पद छोड़ देंगी.

अमेरिकी सरकार के न्याय विभाग में तीसरे नंबर के पद पर पहुंचने वाली वनिता गुप्ता भारतीय मूल की पहली महिला हैं. उन्हें साल 2021 में एसोसिएट अटॉर्नी जनरल पद पर नियुक्त किया गया था.

रिपोर्ट के मुताबिक, वनिता अपने पद से इस्तीफा दे चुकी हैं और अगले साल की शुरुआत में विभाग को आधिकारिक रूप से अलविदा कह देंगी. कहा जा रहा है कि वनिता ने 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अहम भूमिका निभाने के लिए पद छोड़ दिया है. 

गर्भपात अधिकारों की लड़ाई में निभाई अहम भूमिका

वनिता को 2021 में एसोसिएट अटॉर्नी जनरल चुना गया था. 49 साल की वनिता गुप्ता ने देश में कई अहम आंदोलनों और मुहिम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पिछले साल महिलाओं के गर्भपात से जुड़े अधिकारों की पैरवी करने में वह सबसे आगे रहीं. इसके साथ ही पुलिस सुधार कानूनों में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. वह सिविल राइट्स और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर भी काफी मुखर रही थी.

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बता दें कि न्याय विभाग से गुप्ता की रवानगी ऐसे समय में हो रही है, जब अगले साल देश में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं और बाइडेन एक बार फिर राष्ट्रपति पद हासिल करने की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं.

वनिता गुप्ता के न्याय विभाग छोड़ने की रिपोर्ट्स पर अटॉर्नी जनरल मेरिक बी. गारलैंड ने कहा कि वह बेहतरीन सेवा के लिए वनिता के आभारी हैं. वह लोगों के अधिकारों को लेकर काफी सजग रही हैं. 

पहली बार ओबामा ने दी थी कमान 

साल 2014 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने वनिता को सरकार में बड़ी जिम्मेदारी दी थी. उन्हें मानवाधिकार के लिए सहायक अटॉर्नी जनरल की जिम्मेदारी दी गई थी. वह 2017 तक इस पद पर थीं. 

कौन हैं वनिता गुप्ता?

वनिता भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक हैं. उनका संबंध उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से है. उनके पिता लगभग चार दशक पहले अलीगढ़ से अमेरिका चले गए थे. वनिता का जन्म 15 नवंबर 1974 को अमेरिका में हुआ. उन्होंने येल यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन किया था. इसके बाद न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से कानून की पढ़ाई की.

वनिता ने 28 साल की उम्र में पढ़ाई पूरी करने के बाद न्यूयॉर्क स्थित एक नागरिक अधिकार संगठन और लॉ फर्म एलडीएफ के साथ वकालत के अपने करियर की शुरुआत की थी. उन्हें नागरिक अधिकार से जुड़े मामलों में कई सालों का अनुभव है. वह अबॉर्शन राइट्स से लेकर पुलिस सुधार और गन वॉयलेंस जैसे मामलों पर काफी मुखर रही हैं.

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