ऑक्सफोर्ड में रहने वाला एक भारतीय जोड़ा अपने साढ़े पांच वर्षीय बेटे की देखरेख का अधिकार पाने के लिए अदालती लड़ाई लड़ रहा है. दुर्व्यवहार के कथित आरोप में सामाजिक सेवा संस्था उनके बेटे को ले गई है.
बेटे अचिंत्य के साथ खराब व्यवहार करने के संदिग्ध रजत पुरी ने दावा किया है, ‘वे भारतीय संस्कृति और ब्रिटिश संस्कृति के बीच के फर्क को नहीं समझते हैं. उनके परवरिश का तरीका हमारी संस्कृति से पूरी तरह अलग है.’
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अचिंत्य की मां श्रुति बेरी का कहना है, ‘हमारे बच्चे की स्थिति बहुत खराब है. वह रोता रहता है और लगातार घर वापस जाने की मांग कर रहा है, क्योंकि उसे रोज रात को एक अंधेरे कमरे में बंद होने से डर लगता है.’ श्रुति का कहना है कि ऑक्सफोर्डशायर काउंटी काउंसिल ने मामले का गलत मतलब निकाला है.
ऑक्सफोर्ड के बायर्डस हिल प्राथमिक विद्यालय में अचिंत्य के शिक्षक ने पिछले महीने पुलिस को सामाजिक सेवा संस्थान को फोन कर दिया था. शिक्षक का मानना है कि अचिंत्य ने उससे कहा था कि उसके पिता ‘गलत काम’ करते हैं. उन्हें डर है कि यह यौन प्रताड़ना या अन्य किसी प्रकार के दुर्व्यवहार का मामला हो सकता है.
हालांकि श्रुति का कहना है कि ‘गलत काम’ का अर्थ उसके पति के शराब पीने और धूम्रपान करने की आदतों से है, जिसे वह हमेशा ‘गलत लत’ कहती हैं, ताकि उनका बेटा इन लतों को ना अपनाए.
अपने बच्चे के लिए छह मार्च से लड़ रहे दंपति ने प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और अपने स्थानीय सांसद को पत्र भी लिखा है. पुरी निवेश फर्म में कार्यरत हैं और श्रुति सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर हैं. इस बीच स्थानीय परिवार अदालत के विशेष आदेश के बाद पुरी और श्रुति अपने बच्चे से सप्ताह में तीन बार एक घंटे के लिए मिल सकते हैं.
गौरतलब है कि मूल रूप से पंजाब निवासी दंपति पांच वर्ष तक दक्षिण अफ्रीका में रहने के बाद वर्ष 2009 में ब्रिटेन आए.