scorecardresearch
 

भारत में बाढ़-बारिश, यूरोप-US में तड़पा रही गर्मी, इटली में 45°C टेंपरेचर... आखिर क्यों हो रहा ऐसा?

भारत में महीनेभर से ज्यादा समय से बारिश हो रही है. बाढ़ से नदी-नाले उफान पर हैं. इस बीच, यूरोप इस समय भीषण गर्मी की चपेट में है. खासकर इटली प्रचंड गर्मी का सामना करना कर रहा है. वहां तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान है. अगले कुछ दिन में वहां 48.8°C डिग्री का रिकॉर्ड टूट सकता है. भीषण गर्मी का कारण क्या है और इसके लिए क्या जलवायु परिवर्तन जिम्मेदार है?

Advertisement
X
यूरोप में रिकॉर्ड गर्मी है. गर्मी से बचने के लिए लोग तमाम कोशिशें कर रहे हैं. (वीडियो ग्रैब- Reuters)
यूरोप में रिकॉर्ड गर्मी है. गर्मी से बचने के लिए लोग तमाम कोशिशें कर रहे हैं. (वीडियो ग्रैब- Reuters)

भारत में इस वक्त मॉनसून झमाझम बरस रहा है. समय से पहले और रिकॉर्ड बारिश से हालात बिगड़ गए हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पांच दिन से बाढ़ से जूझ रही है. देशभर में बारिश का कहर देखने को मिल रहा है. नदियां और नाले उफान पर हैं. लैंडस्लाइड से रास्ते बंद हैं. इस बीच, यूरोप और अमेरिका भीषण गर्मी की मार झेल रहा है. खासकर इटली में प्रचंड गर्मी है. यूरोप में हालात यह हैं कि गर्मी से मौतों की संख्या बढ़ रही है. 

बता दें कि भारत में 8 जून को मॉनसून की एंट्री हुई थी. केरल में मॉनसून की पहली बारिश हुई. उसके बाद महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर भारत में झमाझम बारिश का सिलसिला शुरू हुआ. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में बारिश के कहर से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. भारत में बाढ़-बारिश से अब तक 145 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. हिमाचल प्रदेश में बारिश से संबंधित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की कुल संख्या 91 हो गई है. वहां 14 लोग अभी भी लापता हैं.

हिमाचल में बाढ़ से तबाही

पहाड़ी राज्य हिमाचल में भारी बारिश से लैंडस्लाइड और बाढ़ आई. सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और पुल बह गए. 636 घर पूरी तरह से बर्बाद हो गए. 1,128 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए. कुल 1,110 सड़कें अभी भी अवरुद्ध हैं. बारिश के कारण हिमाचल को 2,108 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हालांकि, मुख्यमंत्री ने नुकसान का अनुमान लगभग 4,000 करोड़ रुपये लगाया है.

Advertisement

गर्मी ने तीन दिन तोड़ा रिकॉर्ड, पूरी दुनिया को हुआ 'बुखार'... वजह क्लाइमेट चेंज और अल-नीनो

यूरोप में रिकॉर्ड तोड़ सकता है तापमान

वहीं, यूरोपीय देश हीटवेव के शिकार हैं. इटली में तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस तक है. ऐसी संभावना है कि गर्मी 2021 के रिकॉर्ड को तोड़ सकती है. तब सिसिली में 48.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था. इस बार यूरोपीय तापमान रिकॉर्ड को पार कर सकता है. फ्रांस, स्पेन, पोलैंड और ग्रीस समेत दक्षिणी और पूर्वी यूरोप के अन्य देशों में भी भीषण तापमान ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

अमेरिका में भी गर्मी से जूझेंगे 11 करोड़ लोग

अमेरिका में भी इस हफ्ते के आखिरी में भीषण गर्मी का अनुमान है. पूरे दक्षिण पश्चिम अमेरिका में चेतावनी जारी की गई है. गर्मी के कारण फ्लोरिडा से कैलिफोर्निया तक और उत्तर पश्चिमी राज्य वॉशिंगटन तक करीब 11 करोड़ लोग गर्मी से जूझेंगे. आने वाले दिनों में अमेरिका में 43 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान रिकॉर्ड किया सकता है. 

European heatwave
कैलिफोर्निया से टेक्सास तक भीषण गर्मी है. मोरेनो वैली में 3,300 एकड़ के जंगल में आग लगी है. (Photo- AFP) 

कल सूरज से सबसे ज्यादा दूर हो जाएगी पृथ्वी... फिर भी कम नहीं होगी गर्मी, जानिए वजह

ग्रीस में भी गर्मी, जंगल में आग का खतरा

Advertisement

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि इटली, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी और पोलैंड में गर्मी की मार पड़ रही है. वहीं, ग्रीस में भी तापमान आग उगल रहा है. वहां 40 डिग्री सेल्सियस तक तापमान रिकॉर्ड किया जा सकता है. ग्रीस में जंगल में आग लगने का खतरा बढ़ गया है. 2021 में भी जंगल में आग लगने की बड़ी घटना हुई थी.

खतरनाक हो सकती है हीटवेव

एक्सपर्ट का कहना है कि हीटवेव बेहद खतरनाक हो सकती है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब यूरोप भीषण गर्मी से जूझ रहा हो. इससे पहले भी विनाशकारी गर्मी ने लोगों की जानें ली हैं. 2003 में पूरे यूरोप में लू चली, जिसमें 70,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. 2022 में यूरोप में एक और गर्मी की लहर आई, जिसमें करीब 62,000 लोगों की मौत हो गई.

Delhi Weather News: वीकेंड के बाद राजधानी में सताएगी उमस वाली गर्मी, दिल्ली के मौसम पर आया ये अपडेट

एक्सपर्ट ने बताया- यूरोप में क्यों पड़ती है गर्मी?

वर्तमान हीटवेव सेर्बेरस नामक एंटीसाइक्लोन के कारण हो रही है. उच्च दबाव प्रणाली एक सामान्य मौसम संबंधी घटना है, जिसमें ऊपरी वायुमंडल से डूबती हुई हवा सीमित बादल निर्माण करती है और कम हवा के साथ शुष्क और व्यवस्थित मौसम की अवधि लाती है. 
- उच्च दबाव वाली प्रणालियां धीमी गति से चलती हैं, यही कारण है कि वे एक समय में कई दिनों या यहां तक कि हफ्तों तक बनी रहती हैं. जब सहारा जैसे क्षेत्रों में गर्म भूमि पर उच्च दबाव प्रणाली बनती है तो सिस्टम की स्थिरता और भी ज्यादा गर्म तापमान पैदा करती है. 
- ऐसे में पहले से ही गर्म हवा और भी ज्यादा गर्म हो जाती है. अंत में चक्रवात कमजोर हो जाएगा या टूट जाएगा. उसके बाद लू समाप्त हो जाएगी. इटालियन मौसम विज्ञान सोसायटी के अनुसार, सेर्बेरस हीटवेव लगभग दो सप्ताह तक जारी रहने की उम्मीद है.

Advertisement
European heatwave
क्रोएशिया में स्थानीय लोग और पर्यटक खुद को कीचड़ में लपेटते देख रहे हैं. (Photo- Reuters)

जलवायु परिवर्तन क्या भूमिका निभाता है?

- उच्च दबाव सिस्टम वर्तमान में यूरोप को प्रभावित कर रहा है. हाल के वर्षों में उत्तर की ओर विस्तार कर रहा है. किसी एक घटना (लू) को सीधे जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार ठहराना मुश्किल है. लेकिन जैसे-जैसे तापमान गर्म हो रहा है, वायुमंडलीय पैटर्न में बदलाव देखे जा रहे हैं जिससे यूरोप में अत्यधिक तापमान और सूखे की घटनाएं बढ़ सकती हैं.
-  जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल का शोध इसकी पुष्टि करता है. इसका डेटा 1950 के दशक के बाद से मौसम की घटनाओं के अलग-अलग पैटर्न बताता है. यूरोपीय हीटवेव के एक अलग एनालिसिस से पिछले दो दशकों में ऐसी घटनाओं की बढ़ती गंभीरता का पता चला है. 
- 2022 की गर्मियों में दक्षिणी यूरोप में सामान्य से ज्यादा तापमान देखने को मिला है. स्पेन, फ्रांस और इटली में तापमान 40°C से ज्यादा रिकॉर्ड किया जा रहा है.

Humid Weather: उमस में क्यों रुलाने लगती है गर्मी? शरीर से बहती है पसीने की धारा, जानें वजह

- यूरोपीय संघ की कॉपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा ने गर्मी को लेकर जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया और सुझाव दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं अधिक होंगी. तीव्र और लंबे समय तक चलने की संभावना है. एक चिंताजनक स्थिति का संकेत माना जा रहा है.

Advertisement

European heatwave

अत्यधिक गर्मी से जीवन पर संकट

- लू और अत्यधिक तापमान मानव स्वास्थ्य पर कई तरह से प्रभाव डालते हैं. ये स्थितियां हीटस्ट्रोक का कारण बन सकती हैं, जिससे सिरदर्द और चक्कर आना जैसे लक्षण हो सकते हैं. गर्मी के कारण होने वाला निर्जलीकरण श्वसन और हृदय संबंधी बीमारी भी बढ़ा सकते हैं. 
- यूरोप में चल रही हीटवेव से गर्मी से संबंधित स्वास्थ्य घटनाओं की खबरें पहले ही आ चुकी हैं. एक इतालवी सड़क कर्मचारी की मृत्यु हो गई. पूरे स्पेन और इटली में हीटस्ट्रोक के कई मामले सामने आए हैं.
- इटली के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रेड अलर्ट जारी किया है. लोगों से दिन में धूप से दूर रहने, हाइड्रेटेड रहने और शराब के सेवन से बचने की अपील की है. लेकिन लू का प्रभाव व्यक्तिगत स्वास्थ्य से परे होता है. इनके व्यापक सामाजिक और आर्थिक परिणाम भी होते हैं. 
- अत्यधिक गर्मी सड़क की सतहों को नुकसान पहुंचा सकती है और यहां तक ​​कि रेलवे की पटरियां भी चटक सकती हैं. हीटवेव के कारण पानी की उपलब्धता भी कम हो सकती है, जिससे बिजली उत्पादन, फसल सिंचाई और पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो सकती है.

Weather Today: गर्मी और हीटवेव से मिल गई राहत, दिल्ली-एनसीआर से यूपी तक बदला मौसम, आज भी बारिश

Advertisement

गर्मी से यूरोप में चरमरा गई थी आर्थिक व्यवस्था

2022 में चिलचिलाती गर्मी की वजह से फ्रांसीसी परमाणु संयंत्र पूरी क्षमता से संचालित नहीं हो पाए थे. उच्च नदी तापमान और कम जल स्तर ने उनकी क्षमता को प्रभावित किया था. 
- रिसर्च से संकेत मिलता है कि यूरोप में अत्यधिक गर्मी का पहले से ही आर्थिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जिससे पिछले दशक में इसमें 0.5 प्रतिशत तक की कमी आई है.
- जैसे-जैसे तापमान बढ़ता रहेगा, लू का प्रकोप और ज्यादा गंभीर होता जाएगा. महत्वपूर्ण यह है कि दुनियाभर की सरकारों को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को तुरंत कम करने के लिए तत्काल और निर्णायक कार्रवाई की पहल करना चाहिए. 

European heatwave


- यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भले ही हम आज वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को पूरी तरह से रोक दें, फिर भी जलवायु गर्म होती रहेगी. 
- हालांकि हम ग्लोबल वार्मिंग की दर को धीमा कर सकते हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन के प्रभाव भविष्य में भी अनुभव होते रहेंगे.

 

Advertisement
Advertisement