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'पहले जान बचाओ...ऑफिस तो फिर बनेंगे', घबराई PAK आर्मी... भारत की इस स्ट्रेटजी से टूटा दुश्मन का मनोबल

पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना के हमले में पाकिस्तान का मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से तबाह हो चुका है. सेना के अधिकारियों ने बताया है कि पाकिस्तान को दोबारा इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में एक साल का वक्त लग सकता है.

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भारतीय हमले में हुए नुकसान का जायजा लेती पाकिस्तानी सेना (Photo- AP)
भारतीय हमले में हुए नुकसान का जायजा लेती पाकिस्तानी सेना (Photo- AP)

भारत के साथ लड़ाई में पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा है. अधिकारियों ने जानकारी दी है कि भारतीय सेना की चिनार कोर ने पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (POK) के लीपा घाटी में मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है. सैन्य अधिकारियों का अनुमान है कि बर्बाद हुए इंफ्रास्ट्रक्चर को दोबारा बनाने में 8-12 महीने लगेंगे.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के पहले गांव तंगधार में एलओसी के पास से पीओके में बर्बाद हुए मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर को देखा जा सकता है. 6-7 मई की दरमियानी रात शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत सेना ने पीओके में पाकिस्तानी सेना के इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया था.

भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हमने कम से कम तीन चौकियों, एक गोला-बारूद डिपो, ईंधन भंडार करने की फैसिलिटी, तोपखाना और अन्य ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया. हमारी जवाबी कार्रवाई इतनी विनाशकारी थी कि पाकिस्तान को ये इंफ्रास्ट्रक्चर दोबारा बनाने में कम से कम 8-12 महीने लगेंगे या फिर शायद इससे भी ज्यादा समय लग जाए.'

'हमारा मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर बरकरार, दुश्मन का हो गया सफाया' 

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने भारतीय ठिकानों को निशाना बनाने के लिए हवाई हमलों सहित भारी मात्रा में हथियारों का इस्तेमाल किया लेकिन कोई नुकसान पहुंचाने में सफल रही.

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उन्होंने कहा, 'हमारे स्वदेशी रूप से विकसित आकाशदीप रडार सिस्टम ने शानदार प्रदर्शन किया. हमारी वायु रक्षा तोपों ने उनके हवाई हमलों को बेअसर कर दिया. हमारा सैन्य बुनियादी ढांचा बरकरार है, जबकि दुश्मन का सफाया हो गया है.'

अधिकारियों ने बताया कि लीपा घाटी में कई खाली सैन्य ढांचे मौजूद थे, लेकिन भारतीय सेना ने केवल उन्हीं को निशाना बनाया जहां अधिकतम नुकसान पहुंचाया जा सकता था.

विभिन्न स्रोतों से मिली जानकारी के आधार पर अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना के हमले के जवाब में चिनार कोर ने कम से कम 64 पाकिस्तानी सैनिकों को मार दिया और 96 घायल हुए.

चिनार कोर के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, 'संदेश साफ था- हमारी जवाबी कार्रवाई 1:3 के अनुपात में होगी, यानी हमारी सेना पाकिस्तान के हर संघर्ष विराम उल्लंघन के लिए तीन गुना अधिक ताकत से हमला करेगी.'

22 अप्रैल के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पीओके के आतंकी ढांचे को निशाना बनाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था. ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई को पीओके में मुजफ्फराबाद के नजदीक 25 मिनट तक हमले किए. इसकी जानकारी देते हुए अधिकारियों ने कहा कि भारत के हमले इतने तीव्र थे कि पीओके की 75वीं इंफैंट्री ब्रिगेड के कमांडर ने सैनिकों से अपनी जान बचाने को कह दिया.

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'पहले जान बचाओ...ऑफिस तो फिर बन जाएंगे'

चिनार कोर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इंटरसेप्ट किए गए संचार से पता चला है कि कैसे एक पाकिस्तानी सेना कमांडर मस्जिद के अंदर छिपकर सैनिकों को पहले जान बचाने का निर्देश दे रहा था. वो अपने सैनिकों से कह रहा था- पहले जान बचाओ, ऑफिस तो बाद में फिर से खुल जाएंगे.'

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया था. जवाब में पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की थी.

दोनों देश चार दिनों की झड़प के बाद 10 मई को संघर्षविराम पर सहमत हुए.

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